Edited By Sarita Thapa,Updated: 15 Dec, 2025 09:39 AM

वृंदावन का विश्व प्रसिद्ध ठाकुर बांके बिहारी मंदिर इन दिनों एक बड़े विवाद के केंद्र में है। मामला मंदिर के भीतर होने वाली आरती और दर्शनों की लाइव स्ट्रीमिंग का।
Banke Bihari Mandir : वृंदावन का विश्व प्रसिद्ध ठाकुर बांके बिहारी मंदिर इन दिनों एक बड़े विवाद के केंद्र में है। मामला मंदिर के भीतर होने वाली आरती और दर्शनों की लाइव स्ट्रीमिंग का। जहां एक ओर दूर-दराज के भक्तों के लिए यह सुविधा एक वरदान साबित हो सकती है, वहीं दूसरी ओर मंदिर के गोस्वामी समाज और परंपरावादियों ने इस प्रस्ताव के खिलाफ तीखे विरोध का बिगुल फूंक दिया है। धार्मिक मान्यताओं से लेकर सुरक्षा व्यवस्था तक कई गंभीर आपत्तियां और आरोप लगाए जा रहे हैं कि यह कदम सदियों पुरानी मंदिर की मर्यादा और गोपनीयता को भंग कर देगा। आख़िर क्या हैं वे कारण जो भक्तों और सेवाधिकारियों को इतने बड़े पैमाने पर विरोध के लिए मजबूर कर रहे हैं।
लाइव स्ट्रीमिंग का प्रस्ताव और उद्देश्य
यह विवाद तब शुरू हुआ जब मंदिर प्रशासन ने भक्तों की सुविधा के लिए मंदिर के भीतर होने वाली आरती और झांकियों के लाइव प्रसारण की योजना बनाई। मंदिर प्रशासन का तर्क था कि लाइव स्ट्रीमिंग से दूर बैठे असंख्य भक्त, जो भीड़ या दूरी के कारण मंदिर नहीं पहुंच पाते, घर बैठे ठाकुर जी के दर्शन का लाभ ले सकेंगे। यह सुविधा विशेष रूप से वृद्ध, बीमार और विदेशी भक्तों के लिए मददगार साबित होगी।
विरोध के प्रमुख कारण और आपत्तियां
गोपनीयता का उल्लंघन और धार्मिक परंपरा
बांके बिहारी जी के दर्शनों की एक विशिष्ट परंपरा है, जिसमें पर्दा बार-बार हटाया और लगाया जाता है। यह माना जाता है कि ठाकुर जी की दिव्य आभा इतनी तीव्र है कि भक्त उसे लगातार सहन नहीं कर सकते। लाइव प्रसारण से इस पारंपरिक 'झलकी दर्शन' की गोपनीयता और मर्यादा भंग होगी। कुछ सेवाधिकारियों का कहना है कि भगवान के निज सेवा (व्यक्तिगत सेवा) के पलों को सार्वजानिक करना उनकी सेवा भावना के विरुद्ध है।
सुरक्षा और चोरी का डर
लाइव प्रसारण से मंदिर की आंतरिक व्यवस्था, सुरक्षा द्वार, और बहुमूल्य गहनों व विग्रहों की सटीक स्थिति सार्वजनिक हो जाएगी। विरोधियों का आरोप है कि इससे चोरी या आतंकी हमले जैसी अप्रिय घटनाओं की आशंका बढ़ सकती है, क्योंकि अपराधियों को मंदिर के अंदरूनी लेआउट का पूरा पता चल जाएगा।
भक्तों की भीड़ पर प्रभाव
कुछ का मानना है कि लाइव स्ट्रीमिंग शुरू होने के बाद, ऑनलाइन दर्शन से संतुष्ट होकर भक्त मंदिर आना कम कर देंगे, जिससे मंदिर की पवित्रता और धार्मिक ऊर्जा पर नकारात्मक असर पड़ेगा।
वर्तमान स्थिति और हंगामा
फिलहाल यह मामला विवादों में घिरा हुआ है और विरोध-प्रदर्शन के कारण मंदिर प्रशासन अभी तक लाइव स्ट्रीमिंग को अंतिम रूप नहीं दे पाया है। विरोध करने वाले समूहों ने स्पष्ट कर दिया है कि वे किसी भी कीमत पर मंदिर की प्राचीन परंपराओं और सुरक्षा से समझौता नहीं करेंगे।
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