इंडियन योग एसोसिएशन ने आर्ट ऑफ लिविंग अंतर्राष्ट्रीय केंद्र में योग नीतियों और अनुसंधान पर राष्ट्रीय कॉन्क्लेव के दूसरे संस्करण की मेजबानी करी

Edited By Niyati Bhandari,Updated: 26 Feb, 2024 10:47 AM

sri sri ravi shankar

योग में वैज्ञानिक अनुसंधान की भूमिका पर विचार-विमर्श करने योग और योग नीतियों के सतत विकास और योग की प्राचीन प्रणाली का ज्ञान पूरे भारत और विश्व स्तर पर व्यवस्थित रूप से साझा करने के लिए आर्ट ऑफ लिविंग ने इस भव्य कार्यक्रम की मेजबानी की।

शास्त्रों की बात, जानें धर्म के साथ


बेंगलुरु: योग में वैज्ञानिक अनुसंधान की भूमिका पर विचार-विमर्श करने योग और योग नीतियों के सतत विकास और योग की प्राचीन प्रणाली का ज्ञान पूरे भारत और विश्व स्तर पर व्यवस्थित रूप से साझा करने के लिए आर्ट ऑफ लिविंग ने इस भव्य कार्यक्रम की मेजबानी की। 24-26 फरवरी, 2024 तक आर्ट ऑफ लिविंग अंतर्राष्ट्रीय केंद्र में योग नीतियों और अनुसंधान पर भारतीय योग एसोसिएशन का दूसरा राष्ट्रीय सम्मेलन। इस सम्मेलन में योग के क्षेत्र के प्रसिद्ध विद्वानों, शोधकर्ताओं और चिकित्सकों के साथ-साथ भारत के 25 राज्यों से योग परिषदों की भागीदारी हो रही है।

वैश्विक मानवतावादी और आध्यात्मिक गुरु तथा आई.वाई.ए के अध्यक्ष गुरुदेव श्री श्री रवि शंकर, ने कहा, "योग सदियों से मौजूद है लेकिन इंडियन योग एसोसिएशन इसकी वैज्ञानिक व्याख्या हर जगह पंहुचा रहा है।" 

गुरुदेव ने आगे कहा, "हमें अपनी यौगिक परंपराओं के सार को शुद्ध और अक्षुण्ण बनाए रखने की आवश्यकता है।" 

गुरुदेव ने साझा किया कि जीवन में तीन सी (C) का होना महत्वपूर्ण है - पहला (Context) जीवन को एक विशाल दृष्टिकोण से एक विशाल संदर्भ में  देखना, दूसरा (Compassion) स्वयं और दूसरों के प्रति करुणा तथा (Commitment) जीवन में प्रतिबद्धता- ये सब जीवन में योग के साथ ही आ सकते हैं।

भारतीय योग एसोसिएशन विविधता में एकता का संदेश देता है जिसका गठन वर्ष 2006 में किया गया था। उसके बाद यह पूरे भारत और दुनिया भर में योग की विभिन्न समृद्ध, विविध सांस्कृतिक विरासत, वंश और परंपराओं को जोड़ने और एक साथ लाने का कार्य कर रहा है।

मां हंसा, भारतीय योग संघ की अध्यक्ष और लेखिका, शोधकर्ता तथा सबसे पुराने योग स्कूलों में से एक- द योगा इंस्टीट्यूट, सांताक्रूज़, मुंबई की निदेशक ने 3 एच (H) के बारे में साझा किया- "कड़ी मेहनत (hard work) करें। हमें अपना संतुलन बनाए रखना होगा, दूसरा है दिमाग (Head) ठीक होना चाहिए। आपको हर चीज को सकारात्मक रूप से देखना चाहिए और तीसरा दिल (Heart) है जिसे हाथ और दिमाग के साथ संतुलित होना चाहिए। व्यक्ति को समग्र रूप से जीना चाहिए।"

जबकि आचार्य लोकेश मुनि ने बताया कि कैसे मानसिक शांति के बिना विश्व शांति असंभव है। जिसकी कुंजी योग में निहित है  डॉ. बसवा रेड्डी ने भारत की योग की गौरवशाली संस्कृति के बारे में साझा किया जो शरीर, दिमाग और इनकी एकजुटता के विषय में ज्ञान देता है। जो अंततः प्रकृति में सभी चीजों को एकजुट करता है।

कॉन्क्लेव के उद्घाटन में उपस्थित अन्य कई गणमान्य व्यक्ति उपस्थित रहे-पद्मश्री डॉ. एच.आर नागेंद्र जी, आई.वाई.ए के गवर्निंग काउंसिल सदस्य, योग गुरु, अकादमिक, लेखक और बेंगलुरु में स्थित एक डीम्ड विश्वविद्यालय स्वामी विवेकानंद योग अनुसंधान संस्थान (एस-व्यासा) के संस्थापक कुलपति, डॉ. बसव रेड्डी, मोरारजी देसाई राष्ट्रीय योग संस्थान, आयुष मंत्रालय, भारत सरकार के पूर्व निदेशक, अहिंसा विश्व भारती के संस्थापक आचार्य लोकेश मुनि, स्वामी आत्मप्रियानंद जी, आई.वाई.ए के वरिष्ठ उपाध्यक्ष और प्रो-चांसलर, रामकृष्ण मिशन विवेकानन्द शैक्षिक एवं अनुसंधान संस्थान, श्री सुबोध तिवारी जी, सी.ई.ओ, कैवल्यधाम, भारतीय योग एसोसिएशन के महासचिव, योग प्रमाणन बोर्ड, आयुष मंत्रालय के सदस्य, इंटर-यूनिवर्सिटी सेंटर फॉर योगिक साइंस यूजीसी के गवर्निंग काउंसिल के सदस्य, गवर्निंग काउंसिल के सदस्य। एन.सी.टी.ई, योग सी.आई.आई के उप समूह के अध्यक्ष। सी.सी.आर.वाई.एन द्वारा योग अनुसंधान पर उच्च स्तरीय टास्क फोर्स के सदस्य।

मां हंसा, भारतीय योग संघ की अध्यक्षा और सबसे पुराने योग विद्यालयों में से एक- द योगा इंस्टीट्यूट, सांताक्रूज़ की निदेशिका, लेखिका तथा शोधकर्ता। डॉ. आनंद बालयोगी जी, संयुक्त सचिव, आई.वाई.ए। योगाचार्य और इंस्टीट्यूट ऑफ सैल्यूटोजेनेसिस एंड कॉम्प्लिमेंटरी मेडिसिन (आई.एस.सी.एम) के निदेशक और श्री बालाजी विद्यापीठ विश्वविद्यालय, पांडिचेरी में योग थेरेपी के प्रोफेसर।
डॉ. एस.पी मिश्रा, सीईओ, आई.वाई.ए में पी.आर.सी.बी और देव संस्कृति विश्वविद्यालय, गायत्रीकुंज-शांतिकुंज, हरिद्वार के संस्थापक कुलपति। डॉ. मंजूनाथ एन.के.आई.वाई.ए में रिडिर्च कमेटी के निदेशक हैं। वे एस-व्यासा विश्वविद्यालय में प्रो-वाइस-चांसलर और अनुसंधान निदेशक हैं।

श्रीमती कमलेश बरवाल एक योगिनी जो पिछले 20 वर्षों से भारत तथा विश्व के अन्य देशों में योग सीखा रही हैं। इस कार्यक्रम में अनुसंधान के क्षेत्र में 3 एम.ओ.यू पर भी हस्ताक्षर होंगे।

श्री श्री इंस्टीट्यूट फॉर एडवांस्ड रिसर्च, आर्ट ऑफ लिविंग रिसर्च विंग और इंस्टीट्यूट ऑफ सैल्यूटोजेनेसिस एंड कॉम्प्लिमेंट्री मेडिसिन ऑफ श्री बालाजी विद्यापीठ, डीम्ड यूनिवर्सिटी, पुडुचेरी के बीच समझौता ज्ञापन।

एम.ओ.यू क्लिनिकल सेटिंग में थेरेपी के रूप में योग, ध्यान, संगीत और जप में अनुसंधान का पता लगाएगा।  इस एम.ओ.यू. के माध्यम से छात्र एस.बी.वी के माध्यम से एम.एस और पी.एच.डी करते हुए एस.एस.आई.ए.आर में अपने प्रोजेक्ट का काम पूरा कर सकते हैं।

तकनीकी कौशल और व्यावहारिक वैज्ञानिक दृष्टिकोण के साथ प्राचीन परंपरा की शुद्धता में योग के प्रस्तुतिकरण के लिए विख्यात श्री श्री स्कूल ऑफ योग के मध्य समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए गए। श्री श्री इंस्टीट्यूट फॉर एडवांस्ड रिसर्च, आर्ट ऑफ लिविंग रिसर्च विंग और इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी, मद्रास। एम.ओ.यू डिजिटल प्रौद्योगिकियों का उपयोग करके योग में स्वर्ण मानक बनाने का पता लगाएगा। टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज और इंडियन योगा एसोसिएशन के बीच एक समझौता ज्ञापन है। इसका उद्देश्य आई.वाई.ए सदस्य संस्थानों और टी.सी.एस के बीच रुचि के विभिन्न विषयों पर सहयोग करना है।

Related Story

IPL
Chennai Super Kings

176/4

18.4

Royal Challengers Bangalore

173/6

20.0

Chennai Super Kings win by 6 wickets

RR 9.57
img title
img title

Be on the top of everything happening around the world.

Try Premium Service.

Subscribe Now!