Srimad Bhagavad Gita: अहंकार से छुटकारा पाना है तो...

Edited By Updated: 17 Jul, 2024 07:44 AM

srimad bhagavad gita

ब्रह्मांड के सृजन के समय, शुरुआत में सिर्फ ऊर्जा थी और बाद में पदार्थ का आकार लिया। वैज्ञानिक रूप से, यह स्वीकार किया जाता है कि ब्रह्मांड में तापमान, घनत्व और मैटर-एंटीमैटर के अनुपात में सूक्ष्म

शास्त्रों की बात, जानें धर्म के साथ

Srimad Bhagavad Gita: ब्रह्मांड के सृजन के समय, शुरुआत में सिर्फ ऊर्जा थी और बाद में पदार्थ का आकार लिया। वैज्ञानिक रूप से, यह स्वीकार किया जाता है कि ब्रह्मांड में तापमान, घनत्व और मैटर-एंटीमैटर के अनुपात में सूक्ष्म (क्वांटम) भिन्नता थी और इन भिन्नताओं का कोई वैज्ञानिक कारण नहीं है।

PunjabKesari Srimad Bhagavad Gita

ये परिस्थितियां ही पदार्थ के निर्माण के लिए जिम्मेदार हैं और विज्ञान इस बात से सहमत है कि आज हम अपने चारों ओर जो विविधता देखते हैं, उसे बनाने के लिए भगवान पासा खेलते हैं। इस संबंध में श्रीकृष्ण कहते हैं कि उनकी प्रकृति अष्टांगिक है। अग्नि, पृथ्वी, जल, वायु और आकाश भौतिक संसार के लिए हैं और मन, बुद्धि और अहंकार जीवों के लिए हैं (7.4)।

अग्नि का अर्थ उस ऊर्जा से है जो आदिकाल से मौजूद है। ऊर्जा पदार्थ में परिवर्तित हुई जिसमें ठोस अवस्था (पृथ्वी), तरल अवस्था (जल) और गैसीय अवस्था (वायु) हैं। उन सभी को रखने के लिए जगह यानी आकाश चाहिए। जीवों के मामले में, जीवित रहने के लिए उनमें एक भेद करने वाली प्रणाली की आवश्यकता होती है। मन सोच का बुनियादी स्तर है (प्रणाली 1- त्वरित और सहज ज्ञान युक्त) और बुद्धि उच्च स्तर की सोच है (प्रणाली 2- धीमी और चिंतनशील)। अहंकार अंतिम बाधा है, जिसे हमें परमात्मा की उच्च प्रकृति तक पहुंचने के लिए पार करना है। श्रीकृष्ण कहते हैं कि उनकी उच्च प्रकृति जीवन तत्व है, जो ब्रह्मांड को सहारा देती है (7.5), जैसे एक अदृश्य सूत्र मणियों को बांधकर रखता है (7.7)।

PunjabKesari Srimad Bhagavad Gita

श्रीकृष्ण कहते हैं,  ‘‘हजारों मनुष्यों में कोई एक मेरी प्राप्ति के लिए यत्न करता है और उन यत्न करने वाले योगियों में भी कोई एक मेरे परायण होकर मुझको तत्व से अर्थात यथार्र्थ रूप से जानता है’’ (7.3)।

इसका मतलब यह है कि, अहंकार की बाधा को पार करना एक कठिन कार्य है और यहां उसी का संकेत दिया गया है। इसे देखने का एक और तरीका यह है कि हमने 13.8 अरब वर्षों की क्रमागत उन्नति की यात्रा के दौरान जाने-अनजाने में बहुत सारी धूल-मिट्टी इकट्ठी कर ली। पहला कदम इस धूल-मिट्टी के बारे में जागरूक होना है, जो अहंकार के रूप में प्रकट होती है और दूसरा कदम इससे छुटकारा पाना है।

PunjabKesari Srimad Bhagavad Gita

Related Story

    IPL
    Royal Challengers Bengaluru

    190/9

    20.0

    Punjab Kings

    184/7

    20.0

    Royal Challengers Bengaluru win by 6 runs

    RR 9.50
    img title
    img title

    Be on the top of everything happening around the world.

    Try Premium Service.

    Subscribe Now!