Edited By Punjab Kesari,Updated: 26 Jan, 2018 08:19 AM
इस संसार में अनेक ऋषि-मुनि, सिद्ध और तपस्वी हुए हैं जिन्होंने अपने संसर्ग में आने वाले सभी प्राणियों को अच्छे कर्म करने की प्रेरणा देकर भक्ति का मार्ग सुझाया। सिरसा के इलाके में दुॢभक्ष तथा रहन-सहन की अनुकूल व्यवस्था न होने के कारण महेंद्रू-बाहरी...
इस संसार में अनेक ऋषि-मुनि, सिद्ध और तपस्वी हुए हैं जिन्होंने अपने संसर्ग में आने वाले सभी प्राणियों को अच्छे कर्म करने की प्रेरणा देकर भक्ति का मार्ग सुझाया। सिरसा के इलाके में दुॢभक्ष तथा रहन-सहन की अनुकूल व्यवस्था न होने के कारण महेंद्रू-बाहरी बिरादरी के पूर्वज वह स्थल छोड़ कर काफिले के रूप में जालंधर की तरफ बढ़े एवं नगर में प्रवेश से पहले उस स्थान पर रुके जो आजकल शेर सिंह कालोनी, बस्ती पीरदाद कहलाता है तथा महेंद्रू-बाहरी बिरादरी के पवित्र स्थान के तौर पर पूज्य है। यहीं से महेंद्रू-बाहरी बिरादरी के बुजुर्गों ने जालंधर में महेंद्रू मोहल्ले को आबाद किया।
इस काफिले के साथ रिद्धियों-सिद्धियों के मालिक सिद्ध पुरुष महेंद्रू-बाहरी कुल के गुरुदेव सिद्ध श्री बाबा केशव नाथ जी भी पधारे थे। इनकी वाक्य सिद्धि इतनी महान थी कि जो शब्द मुख से निकलता वह पूरा होकर ही रहता था। जब बिरादरी के सभी सदस्य नगर में आकर बस गए तब बाबा जी ने उसी स्थान पर अपना निवास रखा। वहां अपना आश्रम बनाया, वहीं बैठ कर तपस्या की तथा जीवनयापन करने लगे।
यूं तो प्रतिदिन ही वहां मेला-सा लगा रहता था परंतु प्रति वर्ष माघ शुदी दशमी के पुण्य दिवस पर वहां विशेष प्रोग्राम चलता। वर्तमान में इस स्थान का पुन: जीर्णोद्धार हो रहा है। यहां जो भी मन्नत मांगी जाती है वह अवश्य पूरी हो जाती है।
बाबा जी की पवित्र समाधि पर हर माघ की शुदी दशमी पर दूर-दूर से बाबा जी के दर्शनों को संगत आया करती थी इसलिए पहली प्रबंधक कमेटी ने भी पवित्र समाधि पर त्यौहार का दिवस माघ शुदी दशमी का ही निश्चित किया जो आज तक मनाया जाता है।
इस बार बाबा जी का मेला 27 जनवरी शनिवार को बाबा जी के समाधि स्थल पर मंदिर श्री सिद्ध बाबा केशव नाथ जी (जठेरे) महेंद्रू-बाहरी बिरादरी सभा, शेर सिंह कालोनी, बस्ती पीरदाद रोड, जालंधर में मनाया जाएगा।
परम सिद्ध श्री जियो सती माता जी
महेंद्रू-बाहरी बिरादरी की परम श्रद्धेय जियो सती माता जी का उल्लेख भी आवश्यक है। यह परम सिद्ध देवी अपने में एक परम तपस्विनी तथा प्रभु भक्तिनी थीं। इस देवी का परम पवित्र समाधि स्थल तालाब बाहरियां, कपूरथला रोड, जालंधर शहर में ही है। बिरादरी का कोई भी कार्य तब तक पूर्ण नहीं माना जाता जब तक बिरादरी का सदस्य इस देवी सती के पवित्र चरणों में बैठकर हाजिरी देकर आशीर्वाद न ले ले।