Edited By Jyoti,Updated: 19 Dec, 2018 04:43 PM
हिंदू धर्म के शास्त्रों में इंसान के जीवन से संबंधित हर बात लिखी है। कहने का मतलब है कि धन से लेकर विवाह शादी तक जुड़ी सभी परेशानियों का हल हमारे शास्त्रों में मिल सकता है।
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हिंदू धर्म के शास्त्रों में इंसान के जीवन से संबंधित हर बात लिखी है। कहने का मतलब है कि धन से लेकर विवाह शादी तक जुड़ी सभी परेशानियों का हल हमारे शास्त्रों में मिल सकता है। लेकिन आजकल भागदौड़ के समय में किसी के पास समय नहीं है कि वो शास्त्र पड़ें और उन्हें अपनाएं। तो आज आपका बहुत ज्यादा समय जाया न करते हुए आपको शास्त्रों से जुड़ी कुछ ऐसी बातें बताने जा रहे हैं, जिनका जानना बहुत ज़रूरी है।
शास्त्रों में धन, संपत्ति आदि में बरकत रखने के लिए कुछ बातें बताई गई हैं जिनका अगर कोई पालन नहीं करता तो ऐसे लोगों का सारा धन जेलखाना, पागलखाना या दवाखाने में ही जाता है। उक्त में बर्बाद नहीं हुआ तो चोरी हो जाता है या उधारी में पैसा कभी वापस नहीं लौटता है। तो आइए जानते हैं कौन से वे कौन से हैं ये नियम-
शास्त्रों में कहा गया है कि जिस घर में मदिरा का सेवन, स्त्री का अपमान, देवी और देवताओं का अपमान, तामसिक भोजन और अनैतिक कृत्यों को अधिक महत्व दिया जाता है, ऐसे लोगों का धन यानि पैसा ज्यादातर दवाखाने, जेलखाने और पागलखाने में ही खर्च होता रहता है। इसके अलावा जो व्यक्ति ब्याज का धंधा करते हुए लोगों की जिंदगी हराम करता है ऐसे व्यक्ति का धन भी दवाखाने, आदि में लगता है।
हिंदू शास्त्रों और ग्रथों में बताया है कि घर में क्रोध करने से कलह और रोने-धोने से आर्थिक समृद्धि और ऐश्वर्य का नाश होता है, इसलिए घर में सदस्यों को हमेशा इस बात का ध्यान रखना चाहिए कि ऐसी परिस्थिति पैदा न हो जिससे कलह-क्लेश पैदा हो।
पौराणिक ग्रथों में कहा गया है कि पत्नी और बेटी लक्ष्मी का रूप होती हैं, इसलिए भी इन्हें कभी दुत्कारना, कोसना औन न ही कोई अशुभ वचन कहने चाहिए। हिंदू धर्म शास्त्रों में मां को साक्षात देवी पार्वती माना गया है। को दुखी रखने वाला कभी जीवन में सुखी नहीं रह सकता। इसलिए मां को कभी दुखी नहीं करना चाहिए।
घर को गंदा न रखें। घर बिखरा हुआ न हो और उसका रंग-रोगन भी आंखों को चुभने वाला ना हो। घर के चारों कोने साफ हों, खासकर ईशान, उत्तर और वायव्य कोण को हमेशा खाली और साफ रखें। घर में काले, कत्थई, मटमैले, जामुनी और बैंगनी रंग का इस्तेमाल न करें चाहे चादर, पर्दे या हो दीवारों का रंग। घर में सीढ़ियों को पूर्व से पश्चिम या उत्तर से दक्षिण की ओर ही बनवाएं। कभी भी उत्तर-पूर्व में सीढ़ियां न बनवाएं।
वॉशरूम को गीला रखना आर्थिक स्थिति के लिए बेहतर नहीं होता है। प्रयोग करने के बाद उसे कपड़े से सुखाने का प्रयास करना चाहिए। कभी भी ब्रह्ममुहूर्त या संध्याकाल को झाड़ू नहीं लगाना चाहिए। घर में या वॉशरूम में कहीं भी मकड़ी का जाला न बनने दें। र में कहीं भी कचरा या अटाला जमा न होने दें। छप्पर पर बांस न रखें और किसी भी प्रकार की अनुपयोगी वस्तुएं भी न रखें। घर में अगर पूजाघर नहीं हो तो किसी लाल किताब के विशेषज्ञ से पूछकर ही पूजाघर बनवाएं। यदि वह बनाने की छूट देता है तो किसी वास्तुशास्त्री से संपर्क करके ही पूजा घर बनवाएं।
संधिकाल में अनिष्ट शक्तियां प्रबल होने के कारण इस काल में निम्नलिखित बातें निषिद्ध बताई गई हैं- सोना, खाना-पीना, गालियां देना, झगड़े करना, अभद्र एवं असत्य बोलना, क्रोध करना, शाप देना, यात्रा के लिए निकलना, शपथ लेना, धन लेना या देना, रोना, वेद मंत्रों का पाठ, शुभ कार्य करना, चौखट पर खड़े होना। उपरोक्त नियम का पालन नहीं करने से जहां एक ओर बरकत चली जाती है वहीं व्यक्ति कई तरह के संकटों से घिर जाता है।
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