Edited By Niyati Bhandari,Updated: 10 Sep, 2023 01:57 PM
सूर्य देव को जगत की आत्मा कहते हैं, इनकी वजह से ही पृथ्वी पर जीवन है। सूर्योपनिषद के अनुसार जगत के आरम्भ का एकमात्र कारण ही सूर्य देव हैं। वहीं इसी के साथ ये भी
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Sunday Special: सूर्य देव को जगत की आत्मा कहते हैं, इनकी वजह से ही पृथ्वी पर जीवन है। सूर्योपनिषद के अनुसार जगत के आरम्भ का एकमात्र कारण ही सूर्य देव हैं। वहीं इसी के साथ ये भी बताया गया है कि इनकी पूजा करने से व्यक्ति को जीवन के सारे ऐशो-आराम प्राप्त होते हैं। जो व्यक्ति सच्चे मन से महर्षि कश्यप के पुत्र यानी सूर्य देव की पूजा करता है, उसे धन-धान्य के साथ-साथ निरोगी शरीर भी मिलता है। वैसे तो प्रतिदिन सूर्य देव को जल चढ़ाना शुभ माना जाता है, अगर ऐसा नहीं कर सकते तो रविवार के दिन तो अवश्य चढ़ाएं। तो चलिए जानते हैं सूर्य देव की पूजा विधि और आरती। जिसे पढ़ने मात्र से जीवन का हर सुख मिलता है।
Surya dev ki aarti सूर्य देव पूजा विधि
रविवार के दिन स्नान आदि के बाद सूर्य देव को जल अर्पित करें।
जल चढ़ाते समय इस मंत्र का उच्चारण करें:
ॐ सूर्याय नमः
इसके बाद भगवान भास्कर को फूल, धूप, दीप आदि सामग्री चढ़ाएं। फिर आरती पढ़ने के बाद पूजा का समापन कर दें।
Aarti of Lord Surya Dev सूर्य देव की आरती
ॐ जय सूर्य भगवान, जय हो दिनकर भगवान।
जगत् के नेत्रस्वरूपा, तुम हो त्रिगुण स्वरूपा।
धरत सब ही तव ध्यान, ॐ जय सूर्य भगवान।।
।।ॐ जय सूर्य भगवान..।।
सारथी अरुण हैं प्रभु तुम, श्वेत कमलधारी। तुम चार भुजाधारी।।
अश्व हैं सात तुम्हारे, कोटि किरण पसारे। तुम हो देव महान।।
।।ॐ जय सूर्य भगवान..।।
ऊषाकाल में जब तुम, उदयाचल आते। सब तब दर्शन पाते।।
फैलाते उजियारा, जागता तब जग सारा। करे सब तब गुणगान।।
।।ॐ जय सूर्य भगवान..।।
संध्या में भुवनेश्वर अस्ताचल जाते। गोधन तब घर आते।।
गोधूलि बेला में, हर घर हर आंगन में। हो तव महिमा गान।।
।।ॐ जय सूर्य भगवान..।।
देव-दनुज नर-नारी, ऋषि-मुनिवर भजते। आदित्य हृदय जपते।।
स्तोत्र ये मंगलकारी, इसकी है रचना न्यारी। दे नव जीवनदान।।
।।ॐ जय सूर्य भगवान..।।
तुम हो त्रिकाल रचयिता, तुम जग के आधार। महिमा तब अपरम्पार।।
प्राणों का सिंचन करके भक्तों को अपने देते। बल, बुद्धि और ज्ञान।।
।।ॐ जय सूर्य भगवान..।।
भूचर जलचर खेचर, सबके हों प्राण तुम्हीं। सब जीवों के प्राण तुम्हीं।।
वेद-पुराण बखाने, धर्म सभी तुम्हें माने। तुम ही सर्वशक्तिमान।।
।।ॐ जय सूर्य भगवान..।।
पूजन करतीं दिशाएं, पूजे दश दिक्पाल। तुम भुवनों के प्रतिपाल।।
ऋतुएं तुम्हारी दासी, तुम शाश्वत अविनाशी। शुभकारी अंशुमान।।
।।ॐ जय सूर्य भगवान..।।
ॐ जय सूर्य भगवान, जय हो दिनकर भगवान।
जगत् के नेत्रस्वरूपा, तुम हो त्रिगुण स्वरूपा।स्वरूपा।।
धरत सब ही तव ध्यान,
।।ॐ जय सूर्य भगवान।।
Benefits of reading Aarti of Lord Surya Dev सूर्य देव की आरती पढ़ने के फायदे:
सूर्य देव की आरती पढ़ने से हर तरह की बीमारियां दूर हो जाती हैं।
धन लाभ की प्राप्ति होती है।
हर बिगड़ा हुआ काम इस आरती को पढ़ने के बाद पूरा हो जाता है।
अगर कुंडली में सूर्य देव कमजोर हैं तो वो भी मजबूत हो जाते हैं।
नौकरी और कारोबार में सफलता आपके कदम चूमती है।