वो शहर जिससे स्विट्जरलैंड के पर्यटन की हुई शुरुआत

Edited By Prachi Sharma,Updated: 05 Mar, 2024 10:18 AM

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स्विट्जरलैंड की खूबसूरती से कौन वाकिफ नहीं ? ठंडे मौसम और बर्फबारी के शौकीन लोगों का तो सपना होता है कि उन्हें यहां कुछ पल बिताने का मौका मिल जाए। बॉलीवुड

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Switzerland: स्विट्जरलैंड की खूबसूरती से कौन वाकिफ नहीं ? ठंडे मौसम और बर्फबारी के शौकीन लोगों का तो सपना होता है कि उन्हें यहां कुछ पल बिताने का मौका मिल जाए। बॉलीवुड ने यहां की खूबसूरती को खूब इस्तेमाल किया है।

स्विट्जरलैंड बॉलीवुड के मशहूर फिल्म डायरैक्टर यश चोपड़ा की पहली पसंद था। उनकी कोशिश होती थी कि अपनी फिल्म का कम से कम एक गाना तो यहां जरूर शूट करें। शायद उनकी फिल्मों से ही आम भारतीयों ने स्विट्जरलैंड को ज्यादा करीब से जाना। स्विट्जरलैंड में भी एक ऐसी जगह है, जिसके बारे में शायद आप नहीं जानते। उसका नाम है सेंट मॉरिट्स। यह अल्पाइन पर्वतों पर स्थित स्विट्जरलैंड का रिजॉर्ट टाऊन है। यहां साल भर बर्फ की मोटी चादर बिछी रहती है। लोग यहां न सिर्फ स्कीइंग के लिए आते हैं, बल्कि इसकी पहचान विंटर टूरिज्म रिजॉर्ट के तौर पर भी है।

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क्यों मशहूर हुआ सेंट मॉरिट्स
सेंट मॉरिट्स इतना मशहूर कैसे हुआ, इसके पीछे एक बड़ी दिलचस्प कहानी है। किस्सा 1864 का है। एक दिन एन्गाडिनर कुल्म होटल के मालिक योहानिस बैड्रट लंदन से स्विट्जरलैंड घूमने आए अमीर कारोबारियों के साथ बैठे थे। बातों का दौर चल रहा था। इन्हीं में से कुछ ने कहा कि लंदन की सर्दी जानलेवा है। इस पर होटल के मालिक योहानिस ने कहा कि जनाब आप यहां पहाड़ों में आकर सर्दियां गुजारें। सेंट मॉरिट्स में बर्फबारी का मजा लीजिए। यहां सर्दी का मौसम बहुत शानदार होता है। भरी सर्दी में भी आप यहां बिना जैकेट के रह सकते हैं। लंदन से आए कारोबारियों का समूह यह बात मानने को राजी नहीं था। बस इसी बात पर शर्त लग गई कि अगर होटल के मालिक का दावा गलत साबित हुआ तो उसे पूरी सर्दी उनके यहां रहने और सफर का सारा खर्च उठाना होगा।

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व्यापारियों और सैलानियों का यह ग्रुप उसी साल दिस बर के महीने में यहां फिर से आया। शर्त के मुताबिक इन सभी को ह ते भर के सफर पर निकलना था। सभी सिर से लेकर पैर तक फर के कपड़ों में लिपटे थे। तय पाया गया था कि पहाड़ों पर 2,284 मीटर की दूरी तय करके ये सभी जूलियर दर्रा पहुंचेंगे।
लेकिन सेंट मॉरिट्स तक पहुंचते ही आसमान एकदम साफ हो गया। सभी को पसीने आने लगे और जैकेट्स उतारनी पड़ीं। होटल का मालिक योहानिस शर्त जीत चुका था।

इसी के साथ सेंट मॉरिट्स के बेहतरीन मौसम के किस्से भी लोगों की जुबान पर आने लगे। दूर तक बिछी बर्फ की सफेद चादर और खिलते हुए सूरज का मजा लेने के लिए दूर-दूर से सैलानी यहां आने लगे। यहां सैलानियों की तादाद इतनी बढ़ी कि बड़े-बड़े होटल खुलने लगे। 1896 में योहानिस बैड्रट के बेटे कैस्पर ने अपने पिता के नाम पर एक फाइव स्टार होटल खोला जिसका नाम रखा ‘बैड्रट पैलेस’।

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इस होटल के मैनेजर का कहना है कि कुछ लोग शर्त वाली बात को महज एक कहानी मानते हैं लेकिन ऐसा हकीकत में हुआ था। इस शर्त से पहले लोग यहां सिर्फ गर्मी के मौसम में ही आते थे। सेंट मॉरिट्स की एक टूरिस्ट प्लेस के तौर पर मार्कीटिंग का श्रेय पूरी तरह से योहानि बैड्रट को जाता है। जिस साल योहानिस ने शर्त लगाई थी, उसी साल स्विट्जरलैंड में पहला टूरिस्ट ऑफिस खुला था।

इस जगह से जुड़ी एक और कहानी है। कहा जाता है कि 1861 में यहां एक पादरी ईसा मसीह का संदेश फैलाने के इरादे से आया था। जब वह वापस इंगलैंड गया तो उसने स्विट्जरलैंड की तारीफ में एक ब्रिटिश अखबार को खत लिखा। खत में उसने लिखा कि सर्दियां बिताने के लिए यह एक बेहतरीन जगह है।
हालांकि उस दौर में भी कुछ स्विस इलाके अच्छे व्यापारिक केंद्र के तौर पर काम कर रहे थे। दावोस, अरोसा और लुसान ऐसे इलाके थे, जहां बड़े-बड़े सेनेटोरियम खोले गए थे। इन्हीं में से एक में 20वीं सदी की शुरूआत में पंडित नेहरू की पत्नी कमला नेहरू भी इलाज के लिए आई थीं।

यहां सांस की बीमारियों और टी.बी. का इलाज बड़े पैमाने पर किया जाता था लेकिन पादरी का खत अखबार में छप जाने से इस इलाके की शोहरत और फैल गई।1880 तक ब्रितानी सैलानियों की तादाद इतनी ज्यादा बढ़ गई कि अंग्रेजी बोलने वालों के लिए यहां से एक स्थानीय अखबार छपने लगा, जिसका नाम था ‘एनगाडिनर एक्सप्रैस एंड अल्पाइन’।

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आधुनिकता का लिबास 21वीं सदी से पहले ही ओढ़ा
इसके अलावा और भी ऐसी बहुत सी बातें और चीजें थीं, जो यहां पहली बार हुई थीं। बैड्रट की कोशिशों से पहले तक यहां सिर्फ 75 सैलानियों के रहने का इंतजाम था लेकिन धीरे-धीरे यहां सुविधाएं बढ़ाई गईं।

अगले 40 सालों में यहां 2000 से ज्यादा सैलानियों के रहने का इंताजाम हो गया। बैड्रट ने इस इलाके के आधुनिकीकरण के लिए भी बहुत कोशिशें कीं। 1879 में स्विट्जरलैंड में पहली इलैक्ट्रिक लाइट और स्ट्रीट लाइट एनगाडिनर कुल्म में ही लगाई गई थी।

इसी साल स्विट्जरलैंड में पहली बार लश वाले टॉयलैट और पहला पनबिजली प्लांट लगाया गया था। 1882 के आते-आते यहां आईस स्केटिंग के मुकाबले होने लगे। यूरोप में होने वाली यह पहली ऐसी प्रतियोगिता थी। सेंट मॉरिट्स की कहानी किसी इलाके के आमूल-चूल बदलाव की बड़ी मिसाल है। 2018 के सीजन में यहां 9वां फाइव स्टार होटल खुला। अब यहां की अर्थव्यवस्था में विदेशी कंपनियों ने भी दिलचस्पी लेनी शुरू कर दी है लेकिन जो बात यहां के पारंपरिक होटलों में है वह कहीं और नहीं।

मिस्र के पिरामिड की तरह बर्फ से ढके यहां के पहाड़ और मैदानों में बिछी सफेद चांदनी का लुत्फ लेने का जो मजा यहां है, वह कहीं और नहीं। इसका सेहरा पूरी तरह से योहानिस बैड्रट के सिर सजता है।

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