वशीकरण होने पर मिलते हैं ये संकेत, यूं तोड़े इसकी काट

Edited By ,Updated: 06 Dec, 2016 10:01 AM

vashikaran  hypnotism

ज्योतिष की दृष्टि से वशीकरण में मुहूर्त का सर्वाधिक महत्व है। मुहूर्त के बिना वशीकरण अभिचार कर्म सफल नहीं होता। शस्त्रनुसार सभी षटकर्मों के देवता, दिशा, वार, पात्र, ऋतु, दिशा, नक्षत्र, मण्डल, वर्ण, आसान, माला, न्यास, विनियोग, यंत्र, स्थान, समय और...

ज्योतिष की दृष्टि से वशीकरण में मुहूर्त का सर्वाधिक महत्व है। मुहूर्त के बिना वशीकरण अभिचार कर्म सफल नहीं होता। शस्त्रनुसार सभी षटकर्मों के देवता, दिशा, वार, पात्र, ऋतु, दिशा, नक्षत्र, मण्डल, वर्ण, आसान, माला, न्यास, विनियोग, यंत्र, स्थान, समय और वस्त्र भी अलग अलग हैं। जैसे वशीकरण हेतु उपयुक्त देवता हैं कृष्ण, कामाख्या, तारा, कामदेव, रति आदि। देवता का चयन कार्य पर निर्भर करता है। जैसे के व्यक्ति किसे अपने वश में करना चाहता है किसी प्रेमी को अथवा किसी अधिकारी को। आमतौर पर वशीकरण में स्त्री-पुरूषों अथवा लड़के-लड़कियों को वश में कर लिया जाता है अर्थात् उनकी बुद्धि बांध दी जाती है जिससे वे वही करते हैं जो उन्हे वश में करने वाला कहता है। वश में किया हुआ व्यक्ति अपना भला-बुरा कुछ भी नहीं समझ पाता हैं। वह व्यक्ति समाज और परिवार की मान-मर्यादा को त्याग कर कई गलत कदम उठा लेता हैं।

जानें, किन परिस्थितियों में होता है वशीकरण  

* उत्तर दिशा श्रेष्ठ है। 


* प्रयोग हेतु सोमवार व बुधवार को उपयुक्त बताया गया है। 


* चांदी का पात्र प्रयोग किया जाता है। 


* ग्रीष्म ऋतु का चुनाव करना चाहिए। 


* जल मंडल श्रेष्ठ माना गया है। 


* मंत्र एवं वर्ण बीज जल ही श्रेष्ठ माने गए हैं।


* नक्षत्र निर्भर करता है किस प्रकार का वशीकरण है और किस पर यह प्रयोग किया जा रहा है। न्यास व विनियोग प्रयोग में लिए गए देवता पर निर्भर करता है। 


* ऊनी कंबल आसन श्रेष्ठ है। 


* कमलनाल की माला का प्रयोग होता है।


* यंत्र लेखन में गोरोचन की स्याही का प्रयोग होता है। 


* श्रेष्ठ स्थान है नदी का किनारा।


* उपयुक्त समय महाकाल रात्रि 9 से 1:30 बजे श्रेष्ठ है। 


* गुलाबी या लाल वस्त्र वशीकरण हेतु श्रेष्ठ माने गए हैं। 


इस लेख का उद्देश मात्र पाठकों को शास्त्र अनुसार जानकारी देना है। कोई भी साधना बिना गुरू दीक्षा के पूर्ण नहीं होती। साधना व सिद्धि हेतु गुरु का मार्गदर्शन परम आवश्यक है। 

लक्षण
* दिल और दिमाग पर एक व्यक्ति हावी रहना। हमेशा उसके बारे में सोचते रहना।


* किसी पर विश्वास नहीं अंधविश्वास करना।


* हर समय क्रोध में रहना। बात-बात पर भड़क जाना।


* भय युक्त सपने आना, डर से उठ जाना।


*  आचरण में परिवर्तन आना।


*  अमावस्या अथवा पूर्णिमा के दिन अशांति, तड़प और अधीरता रहना।


यूं तोड़े इसकी काट
* साफ-सुथरा पीला नींबू लेकर सिर से 21 बार वारकर चौराहे पर रख आएं, पीछे मुड़कर न देखें और न मार्ग में किसी से बात करें, सीधे घर आएं।


* आंकड़े का पौधा घर में रोपित करें अथवा उसकी जड़ को गले में बांध लें।


* शुक्ल पक्ष के किसी भी बुधवार को 4 गोमती चक्र अपने सिर के ऊपर से वारकर चारों दिशाओं में फेंक दें। आंखे नीचे करके वापिस आ जाएं, दिशाओं की ओर ध्यान न दें।


* प्रतिदिन घर के बाहर गाय के उपलों को जलाएं। 


* सूर्यास्त के वक्त घर में गुगल का धुआं दें।

Related Story

IPL
Chennai Super Kings

176/4

18.4

Royal Challengers Bangalore

173/6

20.0

Chennai Super Kings win by 6 wickets

RR 9.57
img title
img title

Be on the top of everything happening around the world.

Try Premium Service.

Subscribe Now!