Edited By Jyoti,Updated: 19 Apr, 2018 10:31 AM
हिंदू पंचाग के अनुसार वैसाख मास की शुक्ल पक्ष की तिथि को गणेश चतुर्थीका पर्व मनाया जाता है। इस दिन भगवान गणेश की पूजा करने का विशेष महत्व है। यदि इस विनायकी चतुर्थी को गणपति से संबंधित कुछ उपाय आदि किये जाएं तो व्यक्ति अपनी कुंडली में चल रहे ग्रह...
हिंदू पंचाग के अनुसार वैसाख मास की शुक्ल पक्ष की तिथि को गणेश चतुर्थीका पर्व मनाया जाता है। इस दिन भगवान गणेश की पूजा करने का विशेष महत्व है। यदि इस विनायकी चतुर्थी को गणपति से संबंधित कुछ उपाय आदि किये जाएं तो व्यक्ति अपनी कुंडली में चल रहे ग्रह दोषों से भी छुटकारा पा सकता है। साथ ही इस दिन व्रत-उपवास करने वाले व्यक्ति के सारे दुख सुखों में बदलने लगते हैं व घरमें सुख-समृद्धि का आगमन होने लगता है। इस चतुर्थी पर गणेश जी की पूजा के साथ उनके इन 12 खास का जाप करने से सभी तरह की परेशानियों से मुक्ति मिल सकती है।
ये हैं 12 मंत्र-
ॐ सुमुखाय नम:
ॐ एकदंताय नम:
ॐ कपिलाय नम:
ॐ गजकर्णाय नम:
ॐ लंबोदराय नम:
ॐ विकटाय नम:
ॐ विघ्ननाशाय नम:
ॐ विनायकाय नम:
ॐ धूम्रकेतवे नम:
ॐ गणाध्यक्षाय नम:
ॐ भालचंद्राय नम:
ॐ गजाननाय नम:
इन मंत्रों का उच्चारण करने के बाद गणेश जी को मोदक का भोग लगाएं। अपनी शक्ति के अनुसार अधिक से अधिक लोगों में इसे बांट दें। अंत में स्वयं ग्रहण करें। गणपति बप्पा आपके सभी दुख दूर करेंगे।
कुंडली में गुरू ग्रह संबंधित कोई दोष चल रहा हो तो करें ये उपाय-
शिवलिंग पर बेसन के लड्डू अर्पित करने से दूर किया जा सकता है।
किसी गरीब को चने की दाल का दान करें।
केले के पौधे की पूजा करें।