Edited By Jyoti,Updated: 21 Jul, 2020 06:21 PM
अब तक जो लोग इस बात से अंजान थे कि भगवान शिव को कौन सा माह सबसे अधिक प्रिय हैं, अगर वो हमारी वेबसाइट को रोज़ाना फॉलो करते हैं
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अब तक जो लोग इस बात से अंजान थे कि भगवान शिव को कौन सा माह सबसे अधिक प्रिय हैं, अगर वो हमारी वेबसाइट को रोज़ाना फॉलो करते हैं तो अब तक उन्हें इस बार में पता चल गया होगा, श्रावण का पावन माह इन्हें सबसे अधिक प्रिय है। यही कारण है इस दौरान शिव जी की उपासना अधिक लाभाकारी मानी जाती है। इस पूरे मास में भोलेनाथ के भक्त उनकी मस्ती में डूबे दिखाई देते हैं। ऐसी मान्यताएं हैं कि इस दौरान जो भी जातक भगवान शिव जी की पूजा करते हैं, उनकी मुसीबतें भगवान शंकर खुद धरती पर आकर दूर करते हैं। तो वहीं इस दौरान शिव जी मनचाहा वर यानि जीवनसाथी पाने के लिए तथा शादीशुदा महिलाएं पति की लंबी उम्र के लिए शिव जी की पूजा अर्चना करती हैं। मगर इस दौरान कई बार ऐसी गलतियां कर जाती हैं जिस कारण उन्हें पूजा का शुभ नहीं अशुभ प्रभाव प्राप्त होता है। अब आप सोचेंगे ऐसी क्या गलती होती है जिसकी वजह से ऐसा होता है? तो आपको बता दें कुछ मान्यताओं और किंवदंतियों के अनुसार श्रावण में शिवलिंग को छूना महिलाओं के लिए अच्छा नहीं माना जाता। मगर ऐसा क्यों है इस बारे में बहुत से महिलाएं आज भी नहीं जानते। जिस कारण वो शिव जी की लिंग रूप यानि शिवलिंग को छूने की भूल कर बैठती हैं। आइए जानते हैं इससे जुड़ी खास बातें-

शिव जी का तप न हो भंग- ऐसी मान्यताएं हैं कि कि लड़कियों को शिव जी से दूर इसलिए रहना चाहिए क्योंकि उन्हें शिव जी हर समय समाधि व तप में से व्यस्त रहते हैं। उनकी तपस्या भंग न हो इसलिए उनकी पूजा हमेशा दूर रहकर करनी चाहिए। इसके अलावा कुंवारी लड़कियों को कभी शिवलिंग की परिक्रमा भी नहीं करनी चाहिए।
किवदंतियों के अनुसार-
समाज में प्रचलित धार्मिक किंवदंतियों के अनुसार अविवाहित युवती को शिवलिंग के पास जाने की अनुमति नहीं होती। इन मान्यताओं के अनुसार अगर कुंवारी युवतियां शिवलिंग के चारों ओर घूमती हैं तो भगवान शिव की तपस्या में खलल पड़ जाता है।
पूजा करने की नहीं कोई बंदिश-
बता देें भले ही कुंवारी लड़कियों को शिवलिंग व शिव जी को छूना मना है परंतु ऐसे में इनकी पूजा करने में कोई मनाही नहीं है। बल्कि श्रावण मास में तो इनकी पूजा लड़कों से ज्यादा लड़कियों के लिए उपयोगी मानी जाती हैं। भगवान शंकर इनकी पूजा आदि से प्रसन्न होकर इन्हें योग्य वर की प्राप्ति का आशीर्वाद देते हैं। इसके अलावा इस दौरान देवों के देव महादेव की अर्धांगिनी देवी पार्वती की पूजा भी काफी उपयोगी मानी जाती है।