Edited By Prachi Sharma,Updated: 10 Dec, 2025 02:19 PM

Inspirational Story: एक अहंकारी राजा अपने राज्य के एक संत से मिलने के लिए गया। वह संत के लिए उपहारस्वरूप बेशकीमती तलवार लेकर गया। उसने संत से कहा, ‘‘यह भेंट आपके लिए हैं।’’
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Inspirational Story: एक अहंकारी राजा अपने राज्य के एक संत से मिलने के लिए गया। वह संत के लिए उपहारस्वरूप बेशकीमती तलवार लेकर गया। उसने संत से कहा, ‘‘यह भेंट आपके लिए हैं।’’
भेंट देखकर संत बोले, ‘‘राजन, मैं शुक्रगुजार हूं कि आप मेरे लिए बेशकीमती तलवार लेकर आए लेकिन यह मेरे किसी काम की नहीं है। मुझे कुछ देना ही चाहते हो तो सूई के साथ विनम्रता का उपहार दो। वह मेरे लिए अधिक उपयोगी होगी।’’
संत की बात सुनकर राजा हैरान रह गया। वह बोला, ‘‘गुरु जी, सूई और विनम्रता ऐसी तलवार का मुकाबला कैसे कर सकते हैं ?’’
संत बोले, ‘‘तलवार लोगों को मारने-काटने का काम करती है, जबकि सूई सिलने का काम करती है। तोड़ना आसान है और जोड़ना कठिन। इसी तरह विनम्रता से व्यक्ति उन सभी को जीत लेता है जिन्हें वह अहंकारवश नहीं जीत सकता। विनम्रता और प्रेम के आगे सब प्रसन्न हो जाते हैं। तुम्हीं बताओ ऐसे में कौन ज्यादा कीमती है ? तलवार व अहंकार अथवा सूई व विनम्रता।’’ राजा समझदार था।
वह संत का संकेत समझ गया और उनके चरणों में अपना सिर रखकर बोला, ‘‘आज आपने मेरे जीवन की दिशा ही बदल दी है। आज से मैं जोड़ने का काम करूंगा और विनम्रता से अपनी प्रजा की सेवा करूंगा।’’ इसके बाद उसने वह तलवार फैंक दी और विनम्रता धारण कर अहंकार त्याग दिया। कुछ ही समय में वह दूर-दूर तक प्रसिद्ध हो गया।