बैंकिंग में है करियर के बेहतरीन मौके, बस इन बातों का रखें ध्यान

Edited By Updated: 14 Nov, 2017 02:36 PM

career  s best opportunities in banking  just keep these things in mind

किग हमेशा से ही युवाओं के लिए एक  बेहतरीन करियर अॉप्शन रहा है और शायद यहीं कारण है कि  हमेशा से  बैकिंग को अच्छे...

नई दिल्ली : बैंकिग हमेशा से ही युवाओं के लिए एक  बेहतरीन करियर अॉप्शन रहा है और शायद यहीं कारण है कि  हमेशा से  बैकिंग को अच्छे करियर के रुप में देखा जाता हैं। इसलिए आप भी पोस्ट ग्रेजुएट डिप्लोमा इन बैंकिंग एंड फाइनेंस करके आप बैंकिंग और फाइनेंस की दुनिया में शानदार कॅरियर बना सकते हैं। आज हर गांव को बैंक से जोडऩे की पहल हो रही है। इस तरह बैंकिंग सेक्टर तेजी के साथ कदम बढ़ा रहा है। इसमें अवसर भी उसी तेजी के साथ पैदा हो रहे हैं। अगर आप बैंकिंग व फाइनेंस में पीजी डिप्लोमा करना चाहते हैं तो पहले वित्तीय जानकारी एवं बाजार की परिस्थितियों की अच्छी समझ होना जरूरी है। चूंकि बैंकों व वित्तीय संस्थानों में पैसों का लेन-देन होता है, ऐसे में आपके अंदर पैसों से जुड़ी समस्याओं को सुलझाने की क्षमता होनी चाहिए। साथ ही आपके अंदर मजबूत विश्लेषणात्मक कौशल होना भी जरूरी है। 

बैंकिंग और फाइनेंस में पीजी डिप्लोमा करने के लिए छात्र को स्नातक में किसी भी विषय के तहत 50 प्रतिशत अंक से उत्तीर्ण होना चाहिए। भले ही कैंडिडेट इस मानक को पूरा करके पढ़ाई कर सकता है, लेकिन छात्रों को सलाह दी जाती है कि वही कैंडिडेट इस तरफ रुझान करें, जिनकी दिलचस्पी फाइनेंस में हो। आजकल इस विषय में दो साल एमबीए करने के बजाय लोग पीजी डिप्लोमा को तरजीह दे रहे हैं। पीजी डिप्लोमा इन बैंकिंग एंड फाइनेंस का कोर्स फाइनेंस सेक्टर की पूरी समझ प्रदान करता है। पीजी डिप्लोमा इन बैंकिंग एंड फाइनेंस के तहत मूलभूत बैंकिंग प्रोफाइल जैसे धन जमा करना, डिमांड ड्राफ्ट बनाना और अन्य बैंकिंग  कार्यों को संभालना सिखाया जाता है। विभिन्न बैंकों के बीच में बैंकिंग कार्य, आसान खाता बही, कॉर्पोरेट क्रेडिट, परियोजना क्रेडिट, वित्तीय क्रेडिट और उपभोक्ता क्रेडिट आदि कार्यों को भी इसके तहत सिखाया जाता है। पाठ्यक्रम के दौरान सार्वजनिक क्षेत्र के 30 और 50 निजी क्षेत्र के बैंक और फाइनेंशियल सेक्टर में काम करने की उम्मीदें बंधती हैं।

यूं मिलता है दाखिला
यह एक ऐसा क्षेत्र है, जहां काम समाप्त करने की कोई समय सीमा नहीं है। यहां जरूरत है इस बात कि है कि संबंधित व्यक्ति तुरंत चीजों को समझे आौर उसमें इस बात की योग्यता हो कि वह तर्क को समझ सके। बैंकिंग और वित्तीय क्षेत्र में पीजी डिप्लोमा करने के लिए पहले तो एप्टीट्यूड टेस्ट में पास होना जरूरी है और इसमें निजी रूप से साक्षात्कार भी देना होगा। इसमें मूलत: अंग्रेजी, गणितीय योग्यता, लिखित परीक्षा में रीजनिंग आदि की जांच की जाती है। असल में यह जानने की कोशिश की जाती है कि छात्र को मूल ज्ञान है या नहीं। परीक्षा पूर्ण होने के बाद उन्हें इंटर्नशिप, शिक्षा लोन आदि के बारे में बताया जाता है।

करियर और प्लेसमेंट
इस क्षेत्र में कॅरियर के बेशुमार अवसर उपलब्ध हैं। कोर्स खत्म होने के बाद इंटरनेशनल बैंकिंग, फोरेक्स और ट्रेजरी, कॉर्पोरेट लोन्स, फाइनेंशियल रिसर्च से सम्बंधित संस्थानों में नौकरी के कई विकल्प खुल जाते हैं। कई अंतरराष्ट्रीय बैंक्स अलग-अलग स्किल्स के कैंडिडेट्स को अच्छी सैलेरी में प्लेसमेंट देते हैं। ज्यादातर सार्वजनिक बैंक अखिल भारतीय स्तर की परीक्षा के आधार पर क्लर्क और प्रोबेशनरी ऑफिसर्स के पदों के लिए वैकेंसी निकालते हैं। जो कैंडिडेट बदलते हुए वित्तीय परिवेश को समझने की कोशिश करते हैं, वे इस फील्ड में तेजी से सफल हो सकते हैं। कोर्स करने के बाद नौकरी की टेंशन नहीं रहती।

बेहतरीन मौके
मौजूदा समय में भारत का बैंकिंग, फाइनेंशियल और इंश्योरेंस सेक्टर आने वाले दस वर्षों में 20 लाख लोगों को रोजगार देने जा रहा है और ऐसा करके भारत का बीएफएसआई सेक्टर वॉल्यूम एंड एम्प्लॉयमेंट में दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा सेक्टर बन जाएगा। इसलिए वे छात्र जो अपना कॅरियर तय नहीं कर पाए हैं, उनके लिए यह सेक्टर बेहतरीन मौका लेकर आया है। बैंकिंग क्षेत्र में योग्य पेशेवर छात्रों की जरूरत होती है। ऐसे युवाओं की जरूरत होती है जो व्यावहारिक रूप से परिस्थितियों को संभाल सकें और जल्दी निर्णय ले सकें। उनमें चीजों को बारीकी से सोचने-समझने और उस पर सही तर्क करने की क्षमता हो।

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