सर्व शिक्षा अभियान को नये रूप में पेश करने की पहल

Edited By Updated: 18 Feb, 2018 03:03 PM

initiative to introduce sarva shiksha abhiyan

सरकार ने नर्सरी से 12वीं तक की स्कूली शिक्षा को एकीकृत बनाने की पहल पर अमल की तैयारी शुरू कर दी है जिससे...

नई दिल्ली : सरकार ने नर्सरी से 12वीं तक की स्कूली शिक्षा को एकीकृत बनाने की पहल पर अमल की तैयारी शुरू कर दी है जिससे देश में एकीकृत स्कूली शिक्षा योजना लागू करने का मार्ग प्रशस्त होगा।  मानव संसाधन विकास राज्य मंत्री उपेन्द्र कुशवाहा ने बताया, ‘‘ सर्व शिक्षा अभियान को नये रूप में पेश किया जायेगा और इस पर काम चल रहा है।’’

सरकार का इरादा इस वर्ष मार्च तक इस उद्देश्य के लिए कानून लाने का है, ताकि एक अप्रैल यानि नए शैक्षणिक सत्र से देश भर में एकीकृत स्कूली शिक्षा योजना लागू किया जा सके ।  मौजूदा समय में देश में स्कूली शिक्षा टुकड़ों में बंटी है। प्राथमिक शिक्षा का संचालन सर्व शिक्षा अभियान और शिक्षा के अधिकार अधिनियम जैसे कानूनों के तहत किया जा रहा है, जबकि माध्यमिक शिक्षा का संचालन राष्ट्रीय माध्यमिक शिक्षा अभियान के तहत हो रहा है, जबकि नर्सरी को अभी तक स्कूली शिक्षा में कहीं जगह ही नहीं मिली है। मंत्रालय से प्राप्त जानकारी के अनुसार, जल्द ही कैबिनेट के सामने इससे संबंधित कानून को रखा जायेगा, जिसकी मंजूरी के बाद ही इस पर अमल की प्रक्रिया शुरू की जाएगी।

एनसीईआरटी के पूर्व निदेशक जे एस राजपूत ने बताया कि सरकारों ने अनेक कारणों से, जिनमें संभवत: राजनीतिक और संसाधन से जुड़े कारण भी हो सकते हैं, अनिवार्य एवं नि:शुल्क शिक्षा के अधिकार अधिनियम को छह से 14 वर्ष आयु वर्ग के लिये कर दिया था ।उन्होंने कहा, ‘‘ मेरा मानना है कि सरकार को छह साल से कम उम्र के बच्चों की का जिम्मेदारी भी लेनी ही चाहिए। निजी स्कूलों में प्रीस्कूल में बच्चों को जो सुविधाएं और सीखने के अवसर मिल रही हैं वो सरकारी स्कूलों के बच्चों को नहीं मिलतीं।’’ राजपूत ने कहा कि ऐसे में साधनविहीन परिवारों के बच्चों और संसाधन वाले परिवारों के बच्चों में छह साल पहले ही एक फर्क आ जाता है। इस परिस्थिति में आगे बढ़ कर एक प्रतिस्पर्धात्मक दुनिया में दोनों कैसे एक दूसरे की बराबरी कर सकते हैं?   

अधिकारियों के मुताबिक इस नए बदलाव के साथ ही सर्व शिक्षा अभियान, राष्ट्रीय माध्यमिक शिक्षा अभियान, मिड-डे मील जैसी तमाम योजनाओं का बजट एक हो जाएगा। बजट में फिलहाल इन योजनाओं को अलग-अलग आवंटन जारी किया गया है। वित्तीय वर्ष 2018-19 में सर्व शिक्षा अभियान के लिए करीब 2628 करोड़ दिए गए है, जबकि राष्ट्रीय माध्यमिक शिक्षा अभियान को 383 करोड़ और मिड-डे मील को 233 करोड़ रुपए दिए गए है। इसके अलावा सरकार ने बजट में स्कूली शिक्षा के बजट को करीब आठ फीसदी बढ़ाते हुए 50 हजार करोड़ का प्रावधान किया गया है।

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