आया हेल्पर भर्ती में भ्रष्टाचार का आरोप, जयराम ठाकुर बोले– सुक्खू सरकार बढ़ा रही भाई-भतीजावाद

Edited By Updated: 17 Nov, 2025 05:31 PM

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पूर्व मुख्यमंत्री एवं नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने प्रदेश सरकार पर आया हेल्पर भर्ती को भ्रष्टाचार और भाई-भतीजावाद का माध्यम बनाने का आरोप लगाया है। उन्होंने कहा कि भर्ती प्रक्रिया में कोई स्पष्ट नियम नहीं हैं और इसे आउटसोर्स एजेंसियों के माध्यम से...

शिमला : पूर्व मुख्यमंत्री एवं नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने प्रदेश सरकार पर गंभीर आरोप लगाए हैं। उन्होंने कहा कि सुक्खू सरकार हर कदम इस तरह उठाती है कि उसे भ्रष्टाचार और अराजकता फैलाने का पूरा मौका मिल सके। हाल ही में सरकार ने प्रदेश के 6202 प्री-प्राइमरी स्कूलों में आया हेल्पर के पदों की घोषणा की है, जिन पर चयनित उम्मीदवारों को लगभग 3800 रुपये प्रतिमाह वेतन मिलना है। इसमें 90% हिस्सा केंद्र सरकार और 10% हिस्सा राज्य सरकार वहन करेगी।

जयराम ठाकुर ने आरोप लगाया कि राज्य सरकार इस प्रक्रिया को भी भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ाने की तैयारी में है। उनके अनुसार, आया हेल्पर की भर्ती आउटसोर्सिंग के माध्यम से करने का निर्णय लिया गया है, लेकिन प्रक्रिया को लेकर कोई स्पष्ट नियम तय नहीं किए गए हैं। उन्होंने सवाल उठाया कि भर्ती का आधार क्या होगा, किसे चुना जाएगा और किसे नहीं—इनमें से किसी भी बात का कोई स्पष्ट दिशानिर्देश नहीं है। उनके मुताबिक यह योजना “अराजकता, भ्रष्टाचार और भाई-भतीजावाद” को बढ़ावा देने का तरीका बन गई है।

नेता प्रतिपक्ष ने आगे कहा कि पहले भी मंत्री अपने करीबी लोगों को आउटसोर्स एजेंसियां खोलने के निर्देश दे चुके हैं, ताकि वे मनमानी और भ्रष्टाचार कर सकें। उन्होंने आरोप लगाया कि आउटसोर्स नौकरियां पहले भी ‘थोक के भाव’ बेची गईं और एक–दो लाख रुपये तक की वसूली के मामले सामने आए। एनटीटी भर्ती में भी इसी तरह की अनियमितताओं के आरोप लगे थे, जिसके बाद भर्ती रद्द कर दी गई थी। न्यायालय भी समय-समय पर आउटसोर्स भर्ती प्रक्रिया पर सरकार की आलोचना करता रहा है।

जयराम ठाकुर ने दावा किया कि आया हेल्पर भर्ती भी इसी पैटर्न का हिस्सा है, जिसे वह “सरकार की भ्रष्टाचार योजना का नायाब नमूना” बताते हैं। उन्होंने कहा कि सरकार की कार्यप्रणाली ऐसी है जैसे “खाता न बही, जो सरकार कहे वही सही”। उन्होंने आरोप लगाया कि स्पष्ट दिशानिर्देश न रखने के पीछे सरकार की मंशा पंचायत चुनावों को प्रभावित करना है। उनके अनुसार, भर्ती एजेंसियों को निर्देश दिए गए हैं कि नियुक्तियां पंचायत चुनाव से पहले ही की जाएँ और यह भी सरकार ही तय करेगी कि किसे नौकरी देनी है। जयराम ठाकुर का कहना है कि केंद्र द्वारा वित्त पोषित योजना का ऐसे दुरुपयोग कर सरकार न सिर्फ नैतिकता का उल्लंघन कर रही है बल्कि प्रदेशवासियों के हक पर भी आघात कर रही है। अंत में उन्होंने कहा कि विपक्ष इस “कोशिश” को सफल नहीं होने देगा और जनता के अधिकारों की रक्षा के लिए संघर्ष जारी रहेगा।

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