Edited By Tanuja,Updated: 16 Jan, 2024 11:06 AM
विदेशों में बसे भारतीयों समेत 30 लाख से अधिक ब्रिटिश नागरिकों को चुनाव अधिनियम, 2022 लागू होने के बाद ब्रिटेन के आम चुनाव और जनमत संग्रहों में....
लंदनः विदेशों में बसे भारतीयों समेत 30 लाख से अधिक ब्रिटिश नागरिकों को चुनाव अधिनियम, 2022 लागू होने के बाद ब्रिटेन के आम चुनाव और जनमत संग्रहों में वोट करने का अधिकार वापस मिल गया है। यह 1928 में महिलाओं को मतदान का अधिकार मिलने के बाद से ब्रिटेन की मताधिकार सूची में सबसे बड़ी वृद्धि को दर्शाता है। मंगलवार यानी 16 जनवरी से मतदान अधिकार पर 15 साल की मनमानी सीमा रद्द कर दी गई है। दुनियाभर में ब्रिटिश नागरिक ऑनलाइन मतदान करने के लिए पंजीकरण करा सकते हैं, भले ही वे कितने भी समय से विदेश में क्यों न हों। पंजीकरण कराने पर उनका नाम तीन साल के लिए मतदाता सूची में शामिल हो जाएगा।
पंजीकरण के बाद मतदाता डाक या प्रॉक्सी वोट के लिए भी ऑनलाइन आवेदन दे सकते हैं। इस कानून के लागू होने के साथ ही ब्रिटेन की कंजर्वेटिव पार्टी के विदेश में रह रहे सदस्यों और समर्थकों के वैश्विक नेटवर्क ‘कंजर्वेटिव्स अब्रॉड' की अगुवाई में चल रहे अभियान ‘वोट्स फॉर लाइफ' का समापन हो गया है। ब्रिटिश मंत्री माइकल गोव ने कहा, ‘‘आज से दुनियाभर के लाखों ब्रिटिश नागरिक भविष्य में होने वाले आम चुनाव में अपने मताधिकार का प्रयोग कर सकते हैं और देश के शासन में अपनी राय प्रकट कर सकते हैं।'' उन्होंने कहा, ‘‘कंजर्वेटिव ने एक बार फिर दिखाया है कि हमारी पार्टी लोकतंत्र हितैषी है और प्रत्येक व्यक्ति के वोट देने के अधिकार की रक्षा करती है।''