Edited By Punjab Kesari,Updated: 10 Mar, 2018 11:15 PM
नेपाल में वायु प्रदूषण के कारण हर साल कम से कम 35 हजार लोग काल के गाल में समा जाते हैं। यह आंकड़ा शुक्रवार को नेपाल एकैडमी ऑफ साइंस एंड टैक्नोलॉजी (एन.ए.एस.टी.) की ओर से आयोजित एक सैमीनार में पेश किया ...
काठमांडू: नेपाल में वायु प्रदूषण के कारण हर साल कम से कम 35 हजार लोग काल के गाल में समा जाते हैं। यह आंकड़ा शुक्रवार को नेपाल एकैडमी ऑफ साइंस एंड टैक्नोलॉजी (एन.ए.एस.टी.) की ओर से आयोजित एक सैमीनार में पेश किया गया।
‘वायु प्रदूषण पर नियंत्रण’ विषय पर आयोजित इस सैमीनार में इसके विभिन्न कारणों पर चर्चा की गई तथा देश में इसके कारण बढ़ रही मौतों पर गंभीर चिंता जाहिर की गई। एनएएसटी के विद्वान मदनलाल श्रेष्ठ ने एक पेपर प्रस्तुत करते हुए बताया कि विश्व स्तर पर वायु प्रदूषण के कारण फेफड़ों के कैंसर (36 प्रतिशत), दिल का दौरा (34 प्रतिशत) और अन्य हृदय रोग (27 प्रतिशत) जैसे जानलेवा रोग होते हैं।