पाकिस्तानः बिलावल भुट्टो ने ली विदेश मंत्री पद की शपथ, बहन ने किया ट्वीट

Edited By Updated: 27 Apr, 2022 08:26 PM

bilawal bhutto took oath as foreign minister sister tweeted

पाकिस्तान की पूर्व प्रधानमंत्री दिवंगत बेनजीर अली भुट्टो के बेटे बिलावल भुट्टो-जरदारी ने बुधवार को देश के विदेश मंत्री के रूप में शपथ ली। इसके साथ ही प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ नीत नयी सरकार में बिलावल की भूमिका को लेकर लगायी जा रही अटकलों को विराम लग...

इंटरनेशनल डेस्कः पाकिस्तान की पूर्व प्रधानमंत्री दिवंगत बेनजीर अली भुट्टो के बेटे बिलावल भुट्टो-जरदारी ने बुधवार को देश के विदेश मंत्री के रूप में शपथ ली। इसके साथ ही प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ नीत नयी सरकार में बिलावल की भूमिका को लेकर लगायी जा रही अटकलों को विराम लग गया। राष्ट्रपति आरिफ अल्वी ने राष्ट्रपति भवन में आयोजित सादे समारोह में 33 वर्षीय बिलावल को पद और गोपनीयता की शपथ दिलाई।

प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ, पूर्व प्रधानमंत्री व बिलावल के पिता आसिफ अली जरदारी और अन्य अधिकारी तथा पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी (पीपीपी) के कई नेता वहां मौजूद थे। ऐसा पहली बार है जब सरकार में बिलावल को महत्वपूर्ण भूमिका और विदेश मंत्री जैसा बेहद अहम पद सौंपा गया है। वह पहली बार 2018 में निर्वाचित होकर नेशनल एसेम्बली पहुंचे थे। बिलावल ऐसे वक्त में विदेश मंत्री बने हैं जब पाकिस्तान को बेहद नाजुक हालात से गुजरते हुए विदेश नीति को संतुलित बनाकर आगे बढ़ने की जरूरत है।

विदेश मंत्री के रूप में बिलावल को जिन मुख्य चुनौतियों से निपटना होगा उनमें पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान द्वारा लगाए गए आरोपों की पृष्ठभूमि में अमेरिका से तनावपूर्ण हुए संबंधों को सुधारना और पड़ोसी देश भारत के साथ शांति प्रक्रिया फिर से शुरू करने का रास्ता तलाशना शामिल है। गौरतलब है कि इस महीने की शुरुआत में अविश्वास प्रस्ताव पारित होने के साथ ही इमरान खान की सरकार गिर गई।

खान ने आरोप लगाया था कि उनकी सरकार अमेरिका की साजिश के कारण गिरी है क्योंकि उन्होंने रूस, चीन और अफगानिस्तान पर स्वतंत्र विदेश नीति अपनाई थी। हालांकि अमेरिका ने इस आरोप का सिरे से खंडन किया है। वहीं, भारत द्वारा पांच अगस्त, 2019 को जम्मू-कश्मीर का विशेष राज्य का दर्जा समाप्त किए जाने के बाद से भारत-पाकिस्तान के संबंधों में और खटास आ गई है।

भारत का कहना है कि वह पाकिस्तान के साथ सामान्य पड़ोसियों वाले संबंध चाहता है जो आतंकवाद, उठा-पटक और हिंसा से मुक्त हों। गौरतलब है कि बिलावल पिछले ही सप्ताह पाकिस्तान मुस्लिम लीग-नवाज (पीएमएल-एन) के सुप्रीमो नवाज शरीफ से लंदन में मिले थे और पाकिस्तान में राजनीतिक हालात पर चर्चा की थी। इन दौरान दोनों नेताओं ने राजनीति और राष्ट्रीय हित से जुड़े मुद्दों पर साथ मिलकर काम करने का संकल्प लिया था। इस मुलाकात के एक सप्ताह बाद आज बिलावल ने विदेश मंत्री के रूप में शपथ ली है। प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ के नेतृत्व में 11 अप्रैल को बनी पाकिस्तान की मौजूदा गठबंधन सरकार में पीपीपी दूसरी सबसे बड़ी पार्टी है। शहबाज शरीफ पीएमएल-एन के अध्यक्ष हैं।

बिलावल की बहन आसिफा भुट्टो-जरदारी ने ‘पाकिस्तान के इतिहास में सबसे कम उम्र के विदेश मंत्री' को बधाई दी। उन्होंने ट्वीट किया, ‘‘बहुत मुश्किल काम है, और पूर्ववर्ती सरकार ने हमारे अंतरराष्ट्रीय संबंधों को चोट पहुंचाई है, लेकिन मुझे इसमें जरा भी संदेह नहीं है कि तुम हमारे देश, पार्टी और परिवार का सर फख्र से ऊंचा करोगे।''

बिलावल पाकिस्तान की तीन बार प्रधानमंत्री रहीं दिवंगत बेनजीर भुट्टो के पुत्र हैं। भुट्टो की 2007 में रावलपिंडी में एक राजनीतिक रैली में बम और गोलियों के हमले में मौत हो गई थी। बेनजीर देश के पूर्व प्रधानमंत्री जुल्फिकार अली भुट्टो की बेटी हैं। जुल्फिकार अली को जनरल जियाउल हक ने 1977 में सत्ता से हटा कर मार्शल लॉ लागू कर दिया था। उनके खिलाफ हत्या के मामले में साजिश का मुकदमा चला और 1979 में उन्हें फांसी दे दी गई। भुट्टो के चार बच्चों में से तीन (बेनजीर सहित) की अप्राकृतिक (हिंसक) मौत हुई है। गौरतलब है कि जुल्फिकार ने भी 1960 के दशक में देश के विदेश मंत्री के रूप में अपने करियर की शुरुआत की थी और आज उनके नाती ने भी वहीं से शुरुआत की है।

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