Edited By Tanuja,Updated: 14 Jan, 2024 06:02 PM
ताइवान में राष्ट्रपति पद के चुनाव में सत्तारुढ़ दल के उम्मीदवार लाई चिंग-ते ने जीत हासिल से चीन भड़क गया है । चीन ने कसम खाई है कि वह “ताइवान में...
बीजिंगः ताइवान में राष्ट्रपति पद के चुनाव में सत्तारुढ़ दल के उम्मीदवार लाई चिंग-ते ने जीत हासिल से चीन भड़क गया है । चीन ने कसम खाई है कि वह “ताइवान में अलगाववादी गतिविधियों” को बर्दाश्त नहीं करेगा। रिपोर्ट के अनुसार, दरअसल चीन हमेशा से ताइवान पर वह अपना दावा करता है और ताइवान हमेशा इस दावे को सख्ती से खारिज कर रहे हैं।
बीजिंग के ताइवान मामलों के कार्यालय के प्रवक्ता चेन बिनहुआ ने कहा, “हम 1992 की आम सहमति का पालन करेंगे, जो एक-चीन सिद्धांत का प्रतीक है और ‘ताइवान की स्वतंत्रता’ के साथ-साथ विदेशी दखल अंदाजी और अलगाववादी गतिविधियों का दृढ़ता से विरोध करते हैं। “ बिनहुआ ने कहा कि शनिवार का मतदान ‘चीन को एक’ होने से नहीं रोक सकता। इसके अलावा उन्होंने कहा, “डेमोक्रेटिक प्रोग्रेसिव पार्टी द्वीप पर मुख्यधारा की जनता की राय का प्रतिनिधित्व नहीं कर सकती।” बता दें कि इस चुनाव के नतीजे अगले चार साल तक चीन के साथ उसके संबंधों की दिशा तय करेंगे।
चीन के तट से 160 किलोमीटर दूर स्थित इस द्वीप की शांति और स्थिरता दांव पर लगी है। चीन इस पर अपना दावा जताता है और जरूरत पड़ने पर बलपूर्वक इस पर नियंत्रण हासिल करने की बात कह चुका है। चुनाव में अर्थव्यवस्था में गिरावट और महंगा आवास जैसे घरेलू मुद्दे भी हावी रहे। इस साल के ताइवान चुनाव पर चीन के साथ-साथ अमेरिका की भी पैनी नजर थी। अमेरिका ने शनिवार को लाई चिंग-ते को बधाई दी लेकिन कहा कि वाशिंगटन बीजिंग द्वारा दावा किए गए स्व-शासित द्वीप की स्वतंत्रता का समर्थन नहीं करता है। चीन ने इस मतदान को युद्ध और शांति के बीच चुनाव बताया था। चीन वर्तमान उपराष्ट्रपति लाई का कड़ा विरोध करता है।