Edited By Pardeep,Updated: 14 Nov, 2025 01:39 AM

विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) के दक्षिण-पूर्व एशिया क्षेत्र की प्रभारी अधिकारी डॉ. कैथरीना बोएम ने बृहस्पतिवार को जीवन के हर चरण में मधुमेह के रोकथाम, पहचान और प्रबंधन के लिए समानता आधारित और आयु-उत्तरदायी दृष्टिकोण अपनाने की आवश्यकता पर जोर...
इंटरनेशनल डेस्कः विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) के दक्षिण-पूर्व एशिया क्षेत्र की प्रभारी अधिकारी डॉ. कैथरीना बोएम ने बृहस्पतिवार को जीवन के हर चरण में मधुमेह के रोकथाम, पहचान और प्रबंधन के लिए समानता आधारित और आयु-उत्तरदायी दृष्टिकोण अपनाने की आवश्यकता पर जोर दिया।
विश्व मधुमेह दिवस की पूर्व संध्या पर डॉ. बोएम ने कहा कि मधुमेह दक्षिण-पूर्व एशिया क्षेत्र में एक गंभीर चुनौती बनी हुई है। इस क्षेत्र में 27.9 करोड़ से अधिक वयस्क मधुमेह से पीड़ित हैं और बड़ी संख्या में मामले ऐसे हैं जिनका निदान, उपचार या नियंत्रण ठीक से नहीं हो पाया है। उन्होंने कहा, “हमारे क्षेत्र में मधुमेह से पीड़ित प्रत्येक तीन वयस्कों में से केवल एक को ही उपचार मिल पाता है और इनमें से 15 प्रतिशत से भी कम लोगों का रक्त शर्करा स्तर पर्याप्त रूप से नियंत्रित है।”
डॉ. बोएम ने क्षेत्र की सरकारों, गैर-सरकारी संगठनों, स्वास्थ्य पेशेवरों और समुदायों से अपील की कि वे मधुमेह के बोझ को जीवन के सभी चरणों में कम करने के लिए अपनी प्रतिबद्धता को दोबारा सुदृढ़ करें और प्रयासों को दोगुना करें। उन्होंने बताया कि यदि मधुमेह का देर से निदान किया जाए या इसका उचित प्रबंधन न हो, तो यह हृदय, गुर्दे, नसों और आंखों को गंभीर नुकसान पहुंचा सकता है। इस वर्ष विश्व मधुमेह दिवस का विषय ‘जीवन के प्रत्येक चरण में मधुमेह' रखा गया है।