कमाल है...एक्सपो 2020 दुबई: ऑपरच्युनिटी, सस्टेनेबिलिटी और मोबिलिटी, जानिए इन तीनों पवेलियन में क्या है खास ?

Edited By Anu Malhotra,Updated: 14 Mar, 2022 05:02 PM

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दुबई में चल रहे वर्ल्ड एक्सपो 2020 में जहां एक और 192 मुल्कों ने पवेलियन्स में अपने-अपने देशों को दिखाया है, वहीं दूसरी और स्पैशल पवेलियन फ्यूचर को बयां करते नजर आ रहे हैं। यहां एजुकेशन, एंटरटेनमेंट के साथ-साथ बहुत कुछ ऐसा है जो रोमांच से भरा है। इस...

दुबई: दुबई में चल रहे वर्ल्ड एक्सपो 2020 में जहां एक और 192 मुल्कों ने पवेलियन्स में अपने-अपने देशों को दिखाया है, वहीं दूसरी और स्पैशल पवेलियन फ्यूचर को बयां करते नजर आ रहे हैं। यहां एजुकेशन, एंटरटेनमेंट के साथ-साथ बहुत कुछ ऐसा है जो रोमांच से भरा है। इस खास पेशकश में आज आप ऑपरच्युनिटी, सस्टेनेबिलिटी और मोबिलिटी पवेलियन के बारे में जानेंगे, जो कि कमाल के बनाए गए हैं।

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मिशन पॉसिबल - द ऑपरच्युनिटी पवेलियन

छोटे-छोटे स्टैप्स का बड़ा इंपैक्ट
ऑपरच्युनिटी पवैलियन में बताया गया है कि एक अकेला व्यक्ति भी आने वाले कल को बेहतर बनाने में मदद कर सकता है। छोटे-छोटे स्टैप्स कैसे एक बड़ा बदलाव ला सकते हैं, ऐसी कई कहानियां और किस्से यहां पर बयां किए गए हैं। कैसे आप एजेंट ऑफ चेंज बन सकते हैं, यह भी बताया गया है।

तीन कहानियां जो आपको जाननी चाहिए
The Sun Mama- सूरज की रोशनी से गांव रौशन
मामा (Mama Fatma) इंडियन ऑशन के एक आइलैंड में रहती हैं। उस आइलैंड में बसे एक गांव में बिजली नहीं थी। रात को अंधेरे में खो जाने वाले गांव को मामा ने एक ऑपरच्युनिटी की तरह देखा। मामा ने सोलर पैनल इंजीनियर बनने की ठानी और ट्रैनिंग ली, फिर जुट गईं पूरे गांव की मदद करने। अब गांव में बिजली है। इतना ही नहीं मामा अब अपने गांव के लोगों को सोलर पैनल इंजीनियर बना रही हैं।

- फॉग से पानी जुटाया
यह कहानी है एबैल (Abel) की, जो साउथ अमेरिका के रहने वाले हैं। जब वे छोटे थे तो उन्हें पानी लेने के लिए बहुत चलना पड़ता था। बड़े हुए तो उन्हें समझ आया कि लोगों के पास पीने कि लिए साफ पानी नहीं है। एबैल जहां थे वहां बादल काफी नीचे आते थे और फॉग भी होता था। एबैल ने ऐसे नैट डिजाइन किए जिनसे फॉग टकरा कर आगे निकल जाता और पानी की बूंदे नीचे इकट्ठी हो जाती। इस तरीके से एबैल ने फॉग से पानी जुटाना शुरू किया और पाइप्स के जरिए गांव तक पहुंचाया। पानी जिसे पीया जा सके, जिससे गांव के लोग खेती करने लगे। पानी ने वहां की जिंदगी बदल दी।

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मरियम : मरियम अमिराती हैं। सब्जियों और फलों को कैसे बिना कैमिकल्स के उगाया जा सकता है, वे इसकी एक्सपर्ट हैं। ऐसे कैमिकल्स जो कि हमारी पृथ्वी को नुक्सान भी पहुंचाते हैं। मरियम का ऑग्रेनिक फार्म लोगों को ऑग्रेनिक सब्जियों को खाने के लिए प्रोत्साहित कर रहा है और साथ ही लोगों को ऑग्रेनिक फार्मिंग भी सिखा रहा है।

टैरा-द सस्टेनेबिलिटी पवेलियन

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अपने लिए बिजली, पानी और कूलिंग जैनरेट करता है ये पवेलियन
सस्टेनेबिलिटी पवेलियन ‘टैरा’ में 18 एनर्जी ट्री (सोलर ट्री) लगाए गए हैं, जो सूर्यमुखी के फूल की तरह खुद-ब-खुद सूर्य कि दिशा में घूमते हैं। इन 18 ट्री के अलावा 130 मीटर चौड़ी एक बड़ी कैनोपी भी है। इन सब पर 4,912 सोलर पैनल्स लगे हैं। यह पवेलियन खुद के लिए बिजली बनाता है, हवा से पानी जुटाता और साथ के साथ नेचुरल कूलिंग भी करता है। एक्सपो में टैक्नोलॉजिकल सबसे एडवांस अगर कोई पवेलियन है यही है वो पैवेलियन।

9 लाख मोबाइल हो सकते हैं चार्ज
यह एनर्जी ट्री और कैनोपी मिलकर एक साल में 4 गिगावाट घंटे तक की बिजली पैदा करने में सक्षम हैं। इतनी बिजली में निसान की इलैक्ट्रिक कार ‘लीफ’ मार्स का आधा सफर तय कर सकती है। इसे और आसान कर दिया जाए तो 9 लाख मोबाइल फोन्स को इस बिजली से चार्ज किया जा सकता है।

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पेड़ों से इंस्पायर्ड डिजाइन
‘टैरा’ में जो कैनोपी लगाई गई है वो यू.ए.ई के नेशनल ट्री से इंस्पायर्ड है। इस ट्री को Ghaf Tree (घाफ) कहा जाता है।  यह एक ऐसा पेड़ होता है जो कि सूर्य की रोशनी को रोकता है और इस पेड़ के नीचे जो कुछ भी होता है उसे छांव में रखने के साथ-साथ ठंडा भी रखता है। जो एनर्जी और वॉटर ट्री हैं वे ड्रैगन ट्री से इंस्पायर्ड हैं।

एक्सपो 2020

यंग इनोवेटर्स

यहां यू.ए.ई. के बच्चों ने अपने-अपने प्रोजेक्ट्स शोकेस किए हैं। ऐसे प्रोजेक्ट्स जो कि फ्यूचर की बात करते हैं। फ्यूचर में गाड़ियां कैसी होंगी, सड़कों पर फॉग कलैक्टर्स लगाए जा सकेंगे जिनसे कि सड़कों पर वाहनों को चलने में आसानी होगी। यहां पर 298 प्रोजेक्ट्स एग्जीबिट किए गए हैं। इस प्रोग्राम में यू.ए.ई. के 563 स्कूलों के बच्चों ने लगभग 6000 प्रोजेक्ट्स सबमिट किए थे।

एक्सपो के बाद बच्चों के लिए लर्निंग सैंटर बनेगा सस्टेनेबिलिटी पवेलियन। जहां वर्कशॉप्स और बच्चों के लिए साइंस प्रोग्राम हुआ करेंगे।

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सीखने को क्या है मोबिलिटी पवेलियन में...?
आने वाले कल को देश किस नजरिए से देख रहे हैं। यू.ए.ई. सस्टेनेबिलिटी को लेकर कैसे अपना अहम रोल अदा कर रहा है। लेटेस्ट टैक्नोलॉजी का इस्तेमाल करते हुए कैसे हम सस्टेनेबिलिटी को बढ़ावा दे सकते हैं, यह यहां सीखा जा सकता है। हाई टैक फ्यूचर कैसे नेचर को भी बचा कर रखेगा, ये भी जाना और समझा जा सकता है।

अलिफ- द मोबिलिटी पवेलियन

दुनिया की सबसे बड़ी लिफ्ट
दुनिया की सबसे बड़ी लिफ्ट इस पवेलियन में लगाई गई है। यह लिफ्ट एक साथ 160 लोगों को लेकर चल सकती है।

इसलिए नाम है अलिफ
अरेबिक लैंग्वैज का जो पहला अक्षर होता है उसे अलिफ कहते हैं। इस शब्द का अर्थ है प्रगति की शुरुआत।

330 मीटर का ट्रैक
यहां 330 मीटर का एक ऐसा ट्रैक डिजाइन किया गया है जो कि आधा अंडरग्राउंड और आधा ओपन एयर में है। यह ट्रैक मोस्ट एडवांस मोबिलिटी डिवाइस दिखाता है।

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फोस्टर+पार्टनर्स का डिजाइन
इस पवेलियन को अवॉर्ड विनिग ब्रिटिश आर्किटैक्चरल डिजाइन एंड इंजीनियरिंग फर्म फोस्टर + पार्टनर्स ने डिजाइन किया है। इसमें इस्तेमाल किए गए स्टैनलैस स्टील क्रोम फैंडर्स एयरक्राफ्ट विंग्स से इंस्पायर्ड है। यह बिल्डिंग मूवमेंट को दर्शाती है, इसे दूर से देखने पर ऐसा प्रतीत होता है कि जैसे यह मूवमेंट कर रही है।

सभी स्टैच्यू न्यूजीलैंड की ‘वेटा वर्कशॉप’ द्वारा डिजाइन किए गए हैं। ‘वेटा’ कंपनी ‘अवतार’, ‘द लॉर्ड ऑफ रिंग्स’ और ‘द हॉबिट ‘ट्रायलॉजी’ जैसी फिल्मों के लिए भी काम कर चुकी है।

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पास्ट, प्रैजेंट और फ्यूचर की बात
इस पवेलियन में दिखाया गया है कि कैसे इंसान आगे बढ़ा और बढ़ेगा। यू.ए.ई. की जर्नी और अरब सिविलाइजेशन का जिक्र भी यहां किया गया है। रेगिस्तान से मंगल ग्रह तक के सफर की कहानी भी है। यहां आपको 9 मीटर लंबे स्टैच्यू भी देखने को मिलेंगे, जो कुछ यू प्रतीत होते हैं जैसे कि असल इंसान हों। ये स्टैच्यू अरब स्कॉलर्स इब्न माजिद, इब्न-बतूता और अल-बकरी के हैं। कौन है ये तीनों, आईए जानते हैं...


इब्न-माजिद
इब्न माजिद को द लॉयन ऑफ सी के नाम से भी जाना गया। माजिद एक अरब नाविक थे, 17 साल की उम्र से ही वे जहाजों को नेविगेट करने में सक्षम थे। इन्होंने वास्को डी गामा को अफ्रीका से भारत तक अपना रास्ता खोजने में मदद की। इन्होंने कई मैप्स और नेविगेशन टूल्स बनाए, जो समुद्री रास्ते से दुनिया खोजने निकले लोगों के काम आए।

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इब्न-बतूता...
30 साल  दुनिया का  सफर किया। अफ्रीका, द मिडल ईस्ट और एशिया, इब्न-बतूता ने पैदल, ऊठ पर और समुद्री रास्ते से होते हु ए एक्सप्लोर किया। इब्न ने एक किताब लिखी थी जिसका नाम था ‘Rihla’ भारत दौरे पर उन्होंने कुछ समय दिल्ली में बिताया।

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अल-बकरी...
अल-बकरी को ट्रैवलर ऑफ द माइंड भी कहा गया। उन्होंने कभी ट्रैवल नहीं किया लेकिन फिर भी उन्हें   दुनिया की जानकारी थी।  ह्यूमन मूवमेंट में उन्होंने एक अहम रोल अदा किया। दरअसल, वे दुनियाभर के ट्रैवलर्स से बातचीत करते और जानकारी जुटा लेते। वे सबसे बेहतरीन मैप मेकर कहलाए और एक किताब भी लिखी  ‘बुक ऑफ हाइवेज एंड किंगडम्स’।

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सीखने को क्या है मोबिलिटी पवेलियन में...?
दरअसल, यह पवेलियन बताता है कि मोबिलिटी आखिर है क्या। मोबिलिटी जो है वो सिर्फ लोगों और चीजों की मूवमेंट पर आधारित नहीं है। बल्कि इन्फॉरमेशन की मूवमेंट पर भी आधारित है। इन्फॉर्मेशन जो ट्रैवल करती है  पर्सन टू पर्सन। इस पवेलियन में यही नॉलेज शेयर की है। यूएई ने अपने मार्स मिशन को सबसे साझा किया है। मार्स की बेहद करीब से ली गई तस्वीरें यहां आप देख सकते हैं। 50 साल में यूएई कैसे बदला यहां जाना जा सकता है। यहां  आट्रिफिशयल इंटैलीजेंस की भी बात है। हम फ्यूचर की तरफ कैसे मूव करने वाले हैं यह भी बताया गया है।

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