Edited By Tanuja,Updated: 30 May, 2022 06:05 PM
दुनिया के कई देशों में सप्ताह में 7 दिन काम का कल्चर अब समाप्त होता जा रहा है। कई देश हफ्ते में 4 दिन काम के फॉर्मूले पर आगे बढ़ रहे हैं। इसी कड़ी...
लंदनः दुनिया के कई देशों में सप्ताह में 7 दिन काम का कल्चर अब समाप्त होता जा रहा है। कई देश हफ्ते में 4 दिन काम के फॉर्मूले पर आगे बढ़ रहे हैं। इसी कड़ी में अब ब्रिटेन का नाम भी जुड़ने जा रहा है यानि ब्रिटेन भी फोर डे वर्क वीक क्लब में शामिल होने जा रहा है। ब्रिटेन में 1 जून से 60 बड़ी कंपनियां हफ्ते में चार दिन काम का पायलट प्रोजेक्ट देश कीलागू कर रही हैं। करीब छह महीने तक चलने वाले इस ट्रायल में कंपनियां अपने कर्मचारियों से हफ्ते में चार दिन या अधिकतम 32 घंटे काम लेंगी यानी कर्मचारियों को हर हफ्ते तीन दिन की छुट्टी मिलेगी।
ब्रिटेन में देश की 60 बड़ी कंपनियों के 3000 कर्मचारियों को शामिल किया गया है। इस दौरान कर्मचारियों की सैलरी में कोई बदलाव नहीं होगा। लेबर इकनॉमिस्ट जोनाथन बॉयस ने कहा कि इसमें सबसे बड़ी चुनौती यह होगी कि प्रॉडक्टिविटी को कैसे मापा जाएगा। कर्मचारियों को पांच दिन का काम चार दिन में करना होगा।इससे पहले संयुक्त अरब अमीरात ने सरकारी प्रतिष्ठानों के लिए जनवरी 2022 से सप्ताह में काम के दिनों को पांच से घटा कर अब साढ़े चार कर दिया गया है।शुक्रवार को आधा दिन काम यानी हाफ-डे वर्किंग रहती है। शनिवार और रविवार को पूरी तरह छुट्टी। माना जा रहा है कि जल्द ही निजी सेक्टर में भी इसी तरह के नियम लागू किए जा सकते हैं।
इन 7 प्रमुख देशों में ये नियम हो चुका है लागू
- कार्य-जीवन संतुलन को बेहतर बनाने के उद्देश्य से जून 2021 में जापान सरकार ने पहल करते हुए कंपनियों को चार-दिवसीय कार्य सप्ताह शुरू करने के लिए कहा।
- पैनासोनिक पहली जापानी कंपनी है, जिसने इस नियम को लागू किया।
- एक बहुराष्ट्रीय उपभोक्ता सामान कंपनी यूनिलीवर न्यूजीलैंड ने अपने कर्मचारियों के लिए बिना वेतन कटौती के दिसंबर 2020 में एक साल का चार-दिवसीय कार्य सप्ताह शुरू किया। बेल्जियम उन देशों की सूची में शामिल होने वाला नया देश बन गया है, जो अपने कर्मचारियों को ‘फोर डे वर्क वीक’ यानी हफ्ते में चार दिन काम करने का विकल्प दे रहा है।
- पिछले साल स्पेनिश सरकार ने कर्मचारियों के वेतन में कटौती किए बिना 32 घंटे के कार्य सप्ताह घोषणा की है।
- स्कॉटलैंड ने परीक्षण के आधार पर चार दिवसीय कार्य सप्ताह शुरू किया, जैसा कि सत्तारूढ़ दल द्वारा प्रचार के दौरान वादा किया गया था। वहीं कर्मचारियों के काम के घंटे 20% कम कर दिए गए लेकिन मुआवजे में कोई नुकसान नहीं हुआ।