बांग्लादेश की पूर्व प्रधानमंत्री हसीना के खिलाफ आरोपों पर 10 जुलाई को फैसला करेगा न्यायाधिकरण

Edited By Updated: 07 Jul, 2025 04:09 PM

tribunal to rule on charges against ex bangladesh pm hasina on july 1

बांग्लादेश के अंतरराष्ट्रीय अपराध न्यायाधिकरण ने सोमवार को इस बात पर फैसला करने के लिए 10 जुलाई की तारीख तय की है कि अपदस्थ प्रधानमंत्री शेख हसीना और उनके दो शीर्ष सहयोगियों के खिलाफ आरोप तय किये जाएंगे या नहीं।

इंटरनेशनल डेस्क: बांग्लादेश के अंतरराष्ट्रीय अपराध न्यायाधिकरण ने सोमवार को इस बात पर फैसला करने के लिए 10 जुलाई की तारीख तय की है कि अपदस्थ प्रधानमंत्री शेख हसीना और उनके दो शीर्ष सहयोगियों के खिलाफ आरोप तय किये जाएंगे या नहीं। हसीना, पूर्व गृह मंत्री असदुज्जमां खान कमाल और पूर्व पुलिस महानिरीक्षक चौधरी अब्दुल्ला अल-मामून पिछले साल जुलाई में हुए विद्रोह के दौरान मानवता के खिलाफ कथित अपराधों के मामले में आरोपी हैं। ‘डेली स्टार' अखबार की रिपोर्ट के अनुसार, अंतरराष्ट्रीय अपराध न्यायाधिकरण-1 (आईसीटी-1) 10 जुलाई को फैसला करेगा कि हसीना, कमाल और अल-मामून के खिलाफ आरोप तय किये जाएंगे या नहीं। तीन सदस्यीय न्यायाधिकरण 10 जुलाई को ही बचाव पक्ष के उन वकीलों द्वारा दायर याचिकाओं पर सुनवाई करेगा जिन्होंने तर्क दिया है कि उनके मुवक्किलों के खिलाफ आरोप निराधार हैं और उन्हें हटा दिया जाना चाहिए। हसीना, कमाल और अल-मामून पर एक जून को मानवता के खिलाफ अपराध के पांच मामलों में आरोप लगाए गए थे।

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अभियोजन पक्ष ने अपदस्थ प्रधानमंत्री, पूर्व गृह मंत्री और पूर्व शीर्ष पुलिस अधिकारी के खिलाफ हत्या, हत्या का प्रयास, यातना और घातक हथियारों के इस्तेमाल समेत अन्य मामलों में औपचारिक आरोप लगाए हैं। पिछले सप्ताह बुधवार को हसीना को आईसीटी द्वारा अदालत की अवमानना ​​के एक मामले में उनकी अनुपस्थिति में छह महीने जेल की सजा सुनाई गई थी। यह पहली बार है कि 77 वर्षीय अवामी लीग नेता को पिछले साल अगस्त में पद छोड़ने के बाद से किसी भी मामले में सजा सुनाई गई है। संयुक्त राष्ट्र के मानवाधिकार कार्यालय की रिपोर्ट के अनुसार, पिछले साल 15 जुलाई से 15 अगस्त के बीच 1,400 लोग मारे गए थे क्योंकि हसीना की सरकार ने प्रदर्शनकारियों पर सुरक्षा बलों को कार्रवाई का आदेश दिया था। अवामी लीग के अधिकांश नेता और मंत्री और पिछली सरकार के कई अधिकारी गिरफ्तार कर लिए गए थे या देश-विदेश में फरार हैं।

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अंतरिम सरकार ने पिछले साल विद्रोह को दबाने के लिए क्रूर कार्रवाइयों के लिए उन पर मुकदमा शुरू किया था, जिसके कारण पांच अगस्त को लगभग 16 साल की अवामी लीग सरकार को गिरा दिया गया था और हसीना को भारत जाने के लिए मजबूर होना पड़ा था। एक समाचार पोर्टल (बीडीन्यूज24 डॉट कॉम)ने रविवार को बताया कि ढाका की एक अदालत ने भूखंड आवंटन से जुड़े कथित भ्रष्टाचार के छह मामलों में हसीना, उनके परिवार के सदस्यों और उनके प्रशासन के कई पूर्व अधिकारियों को पेश होने के लिए कहा है। भ्रष्टाचार निरोधक आयोग (एसीसी) के अभियोजक मीर अहमद अली सलाम ने कहा कि अदालत ने पहले राजपत्र नोटिस के प्रकाशन का निर्देश दिया था, जो अब जारी कर दिया गया है।

राजपत्र पर ढाका मेट्रोपॉलिटन के वरिष्ठ विशेष न्यायाधीश मोहम्मद जाकिर हुसैन गालिब ने हस्ताक्षर किए हैं। भ्रष्टाचार निरोधक आयोग (एसीसी) के अभियोजक मीर अहमद अली सलाम ने कहा, ‘‘अदालत ने इन छह मामलों में सुनवाई के लिए 20 जुलाई की तारीख तय की है। अगर आरोपी तब तक अदालत में पेश नहीं होते हैं, तो उनकी अनुपस्थिति में मुकदमा आगे बढ़ेगा।'' हसीना के अलावा राजपत्र में उनके बच्चों सजीव वाजेद जॉय और साइमा वाजेद पुतुल, उनकी बहन शेख रेहाना और रेहाना के बच्चों ब्रिटिश सांसद ट्यूलिप रिजवाना सिद्दीक, अजमीना सिद्दीक रूपोंटी और रादवान मुजीब सिद्दीक के नाम भी शामिल हैं। 

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