Edited By Tanuja,Updated: 08 Aug, 2018 11:51 AM
सऊदी अरब जाने से पहले पाकिस्तान के पूर्व सैन्य प्रमुख जनरल राहिल शरीफ को कैबिनेट से अनापत्ति प्रमाण नहीं मिला था। मुख्य न्यायाधीश साकिब नसीर की तीन सदस्यीय खंडपीठ को मंगलवार को बताया गया कि पूर्व सैन्य प्रमुख शरीफ को अनापत्ति प्रमाणपत्र रक्षा...
इस्लामाबादः सऊदी अरब जाने से पहले पाकिस्तान के पूर्व सैन्य प्रमुख जनरल राहिल शरीफ को कैबिनेट से अनापत्ति प्रमाण नहीं मिला था। मुख्य न्यायाधीश साकिब नसीर की तीन सदस्यीय खंडपीठ को मंगलवार को बताया गया कि पूर्व सैन्य प्रमुख शरीफ को अनापत्ति प्रमाणपत्र रक्षा मंत्रालय की तरफ से दिया गया था ना कि कैबिनेट की तरफ से। यह जानकारी मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट में अटार्नी जनरल खालिद जावेद खान ने दी।
बता दें कि वर्ष 2016 में सेवानिवृत्त होने के बाद शरीफ मुस्लिम देशों के सैन्य गठबंधन का नेतृत्व करने रियाद चले गए थे। दरअसल, जजों और नौकरशाहों के दोहरी नागरिकता के एक मामले का स्वत: संज्ञान सुप्रीम कोर्ट ने लिया था। बता दें कि सुप्रीम कोर्ट ने पिछले सप्ताह सरकार से पूछा था कि उसने सेवानिवृत्त जनरल शरीफ और आइएसआइ के प्रमुख शुजा पाशा को देश के बाहर नौकरी की आखिर कैसे अनुमति दे दी, जबकि सेवानिवृत्ति के दो साल बाद तक वह विदेश जाकर नौकरी नहीं कर सकते हैं।
मुख्य न्यायाधीश ने अपने आदेश में कहा कि जनरल शरीफ के विदेश में नियुक्ति संबंधी मामले को कैबिनेट के समक्ष लाना चाहिए था। हम इस मामले में नियमानुसार कार्रवाई करेंगे। वहीं पाशा के मामले में रक्षा सचिव ने कोर्ट को बताया कि पूर्व आइएसआइ प्रमुख ने अपने जवाब में कहा है कि वह अभी कहीं काम नहीं कर रहे हैं।