कर्ज देकर घबराया IMF, पाकिस्तान पर लाद दीं 11 नई शर्तें

Edited By Ashutosh Chaubey,Updated: 18 May, 2025 04:27 PM

imf got scared of giving loan imposed 11 new conditions on pakistan

पाकिस्तान को हाल ही में राहत पैकेज देने के बाद अब अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) ने सख्ती दिखानी शुरू कर दी है। IMF ने अपनी स्टाफ-लेवल रिपोर्ट में पाकिस्तान के सामने 11 नई सख्त शर्तें रख दी हैं। अगर ये शर्तें नहीं मानी गईं तो IMF अगली किश्त जारी...

नेशनल डेस्क: पाकिस्तान को हाल ही में राहत पैकेज देने के बाद अब अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) ने सख्ती दिखानी शुरू कर दी है। IMF ने अपनी स्टाफ-लेवल रिपोर्ट में पाकिस्तान के सामने 11 नई सख्त शर्तें रख दी हैं। अगर ये शर्तें नहीं मानी गईं तो IMF अगली किश्त जारी नहीं करेगा। रिपोर्ट के अनुसार, IMF को अब अपने कर्ज की वापसी को लेकर खतरा महसूस हो रहा है। IMF की पहली बड़ी मांग है कि पाकिस्तान 17,600 अरब रुपये के संघीय बजट को संसद से पारित कराए। इसके अलावा कृषि क्षेत्र में आयकर कानून लागू करना, पुरानी कारों के आयात पर से बैन हटाना, बिजली बिलों में अधिभार बढ़ाना और टैरिफ सुधारों की योजना लाना शामिल हैं। इन सभी कदमों का लक्ष्य है राजकोषीय घाटे को कम करना और आय बढ़ाना।

ऊर्जा और वित्तीय क्षेत्र में भी कसावट
IMF ने ऊर्जा क्षेत्र में चार अतिरिक्त सुधारों की मांग की है। इनमें बिजली वितरण में पारदर्शिता लाना, टैरिफ तय करने की प्रक्रिया सुधरना और वित्तीय योजनाओं को सार्वजनिक करना शामिल है। साथ ही IMF ने पाकिस्तान को 2027 के बाद की आर्थिक रणनीति भी जल्द पेश करने को कहा है।

IMF की 11 नई शर्तें पाकिस्तान के लिए

  • संसद से 17,600 अरब रुपये का बजट पास कराना जरूरी।
  • बिजली बिल में ज्यादा सर्चार्ज लगाकर पैसा वसूला जाएगा।
  • पुरानी कारों के आयात पर लगी रोक हटाई जाएगी।
  • खेती पर नया टैक्स कानून लागू करना होगा।
  • टैक्स सुधारों को जून 2025 तक पूरा करना होगा।
  • संस्थागत सुधारों की प्लानिंग सार्वजनिक करनी होगी।
  • साल 2027 के बाद के लिए आर्थिक योजना बनानी और बतानी होगी।
  • बिजली की कीमत तय करने का सिस्टम ठीक करना होगा।
  • बिजली बांटने वाली कंपनियों की हालत सुधारनी होगी।
  • बिजली सेक्टर की आमदनी-खर्च की जानकारी देनी होगी।
  • IMF की हर शर्त पूरी करनी होगी, तभी अगली किश्त मिलेगी।

 

भारत-पाक तनाव बना बड़ी चिंता
IMF रिपोर्ट में भारत-पाक तनाव को भी गंभीर खतरा बताया गया है। हालिया ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के बाद सैन्य गतिविधियों में बढ़ोतरी हुई है जिससे पाकिस्तान के आर्थिक सुधार कार्यक्रम पर असर पड़ सकता है। रिपोर्ट में कहा गया है कि ऐसा तनाव न केवल आर्थिक अस्थिरता लाता है, बल्कि निवेश और कर्ज वापसी की संभावनाओं को भी प्रभावित करता है।

बढ़ते रक्षा बजट पर भी सवाल
पाकिस्तान ने इस बार 2,500 अरब रुपये का रक्षा बजट प्रस्तावित किया है, जो पिछले साल से 18% ज्यादा है। IMF का मानना है कि यह रक्षा खर्च उसके राजकोषीय संतुलन के लक्ष्य से उलटा जा रहा है और ऐसे में अन्य आर्थिक सुधारों पर सीधा असर पड़ेगा।अब तक कुल 50 शर्तें इन नई 11 शर्तों के साथ अब IMF ने पाकिस्तान पर कुल 50 शर्तें लागू कर दी हैं। यह न सिर्फ आर्थिक सुधार की दिशा तय करती हैं बल्कि यह भी दिखाती हैं कि पाकिस्तान को वैश्विक संस्थानों पर कितनी निर्भरता है।

 

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