Edited By Tanuja,Updated: 27 Mar, 2022 02:13 PM
पाकिस्तान की इमरान सरकार के देश में डिजिटलाइजेशन (डिजिटलीकरण) को बढ़ावा देने के दावे खोखले साबित हो रहे हैं। इस बात की पोल तब...
इस्लामाबाद: पाकिस्तान की इमरान सरकार के देश में डिजिटलाइजेशन (डिजिटलीकरण) को बढ़ावा देने के दावे खोखले साबित हो रहे हैं। इस बात की पोल तब खुली जब गूगल का एक भी आफिस देश में न होने की बात सामने आई। कोरोना के चलते बेशक पाकिस्तानियों की इंटरनेट खपत में वृद्धि हुई है जिसके साथ डिजिटल दिग्गजों के कार्यालयों जैसे कि गूगल के स्थानीयकरण की आवश्यकता बढ़ गई है लेकिन फिर भी पाकिस्तान के पास अभी तक कोई भी गूगल आफिस नहीं है।
स्थानीय अखबार द न्यूज इंटरनेशनल ने गूगल के पाकिस्तान, बांग्लादेश और श्रीलंका के क्षेत्रीय निदेशक फरहान एस कुरैशी से जब पाकिस्तान में कार्यालय से संबंधित भविष्य की योजनाओं के बारे में पूछा तो डिजिटलाइजेशन का सच सामने आ गया। कुरैशी ने कहा कि गूगल अभी कोई भी कार्यालय खोलना नहीं चाहता है और न ही आगे के लिए कोई योजना है, हालांकि उन्होंने कहा कि वह अवसरों की तलाश कर रहे हैं।
दरअसल, पाकिस्तान में आतंक के खौफ की वजह से बड़ी कंपनियां यहां निवेश से डरती हैं। पाक में गूगल के आफिस न होने की एक वजह हो सकता है। गौरतलब है कि गूगल पाक में आतंक के खिलाफ कार्रवाई भी करता रहा है, कुछ समय पहले ही उसने आतंकी संगठन जैश ए मोहम्मद के एक एप को गूगल प्लेस्टोर से भी हटा दिया था। हालांकि जानकारों की मानें तो पाक में बड़ी कंपनियों के लिए निवेश का बेहतर माहौल अभी तक नहीं बना है इसी कारण कंपनियां वहां आने से डरती हैं।