Edited By Anil dev,Updated: 07 Jun, 2018 02:50 PM
सोशल नेटवर्किंग साइट फेसबुक अपनी गलतियों से सबक सीख रही ये कहना है फेसुबक की प्रवक्ता अमृत आहूजा का। दरअसल, श्रीलंका में फेसबुक पर आपत्तिजनक टिप्पणी से मुस्लिम विरोधी दंगा भड़कने के तीन महीने बाद सोशल नेटर्विकंग साइट अपने कर्मचारियों को देश की...
कोलंबोः सोशल नेटवर्किंग साइट फेसबुक अपनी गलतियों से सबक सीख रही है ये कहना है फेसुबक की प्रवक्ता अमृत आहूजा का। दरअसल, श्रीलंका में फेसबुक पर आपत्तिजनक टिप्पणी से मुस्लिम विरोधी दंगा भड़कने के तीन महीने बाद सोशल नेटर्विकंग साइट अपने कर्मचारियों को देश की स्थानीय भाषाओं में आपत्तिजनक सामग्री की पहचान करने की ट्रेनिंग दे रही है।
श्रीलंकाई अधिकारियों ने मार्च में फेसबुक को ब्लॉक कर दिया था। फेसबुक पर बौद्ध कट्टरपंथियों की उकसावे वाली टिप्पणी से धार्मिक हिंसा भड़क उठी थी जिसमें तीन लोगों की मौत हो गई थी और सैकड़ों मस्जिदें , घर और व्यापारिक प्रतिष्ठान फूंक दिए गए थे। अब फेसबुक इस घटना से सबक ले रहा है। फेसुबक की प्रवक्ता अमृत आहूजा ने यहां कहा, ‘‘हमने गलतियां की और हमने धीमे कार्रवाई की।’’ उन्होंने कहा कि फेसबुक, सिंहली भाषी और लोगों की नियुक्तियां करने के लिए प्रतिबद्ध है लेकिन उन्होंने इस पर टिप्पणी करने से इंकार कर दिया कि अभी श्रीलंका में कितने लोगों को नियुक्त किया गया है।
उल्लेखनीय है कि देश में इस समय करीब पचास हज़ार ऐसी महिलायें हैं जो अपने एनआरआई दूल्हों का इंतज़ार कर रही हैं। यह समस्या सबसे ज्यादा पंजाब में है। आधिकारिक आंकड़ों में मुताबिक पंजाब एनआरआई सभा के पास लिखित में इस समय ऐसी 15 हज़ार शिकायतें हैं। पंजाब में इसे लेकर अलग से एक एनआरआई कमीशन और विशेष थाने तक गठित हैं। लेकिन किसी स्पष्ट नियम के अभाव में एनआरआई दूल्हों को भारत लाना कठिन काम साबित होता रहा है।