टैरिफ दूसरों पर, व्यापार खुद रूस से: ट्रंप की दोहरी नीति पर उठे सवाल

Edited By Updated: 16 Aug, 2025 10:39 PM

tariffs on others trade itself with russia trump s dual policy raised question

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के बीच शुक्रवार को अलास्का में हुई उच्च स्तरीय बैठक ने दोनों देशों के बीच जारी तनाव के बावजूद व्यापारिक संबंधों को नई दिशा दी है। हालांकि बैठक में यूक्रेन संकट पर कोई ठोस समझौता...

इंटरनेशनल डेस्कः अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के बीच शुक्रवार को अलास्का में हुई उच्च स्तरीय बैठक ने दोनों देशों के बीच जारी तनाव के बावजूद व्यापारिक संबंधों को नई दिशा दी है। हालांकि बैठक में यूक्रेन संकट पर कोई ठोस समझौता नहीं हो सका, लेकिन दोनों नेताओं ने मीडिया से बातचीत में माना कि ट्रंप के सत्ता संभालने के बाद अमेरिका-रूस के बीच द्विपक्षीय व्यापार में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है।

ट्रंप का विरोध, फिर भी रूस से बढ़ा व्यापार

ट्रंप प्रशासन ने रूस से तेल और अन्य महत्वपूर्ण वस्तुओं के आयात पर सेकेंडरी टैरिफ लगाने और कई देशों को रूस से ट्रेड न करने का दबाव बनाने की नीति अपनाई है। लेकिन, सवाल यह उठता है कि खुद अमेरिका रूस के साथ व्यापार क्यों बढ़ा रहा है? पुतिन ने साफ कहा, "जब से अमेरिका में नई सरकार आई है, हमारे बीच ट्रेड लगभग 20 प्रतिशत बढ़ा है।" उन्होंने यह भी कहा कि अमेरिका और रूस के बीच निवेश, डिजिटल टेक्नोलॉजी, स्पेस समेत कई क्षेत्रों में सहयोग की अपार संभावनाएं मौजूद हैं।

व्यापार में वृद्धि के पीछे अमेरिका की मजबूरी

ट्रंप प्रशासन की रूसी वस्तुओं पर पाबंदी और टैरिफ के बावजूद, अमेरिका रूस से व्यापार पूरी तरह से बंद नहीं कर पा रहा है। इसका मुख्य कारण रूस से अमेरिका की आर्थिक निर्भरता है। पुतिन ने भी इस बात को स्वीकार किया कि द्विपक्षीय व्यापार बढ़ा है और इसे रोकना अमेरिका की आर्थिक स्थिति पर नकारात्मक प्रभाव डाल सकता है। अमेरिका की अर्थव्यवस्था पहले ही टैरिफ युद्ध और विभिन्न वैश्विक तनावों की वजह से दबाव में है, ऐसे में एक बड़े ट्रेड पार्टनर को खोना खतरे से खाली नहीं होगा।

रूस से अमेरिका किन उत्पादों पर निर्भर?

अमेरिका रूस से कई महत्वपूर्ण वस्तुओं का आयात करता है, जिनमें प्रमुख हैं:

  • उर्वरक: अमेरिकी सेंसस ब्यूरो के आंकड़ों के अनुसार, अमेरिका ने इस वर्ष की पहली छमाही में करीब 927 मिलियन डॉलर मूल्य के उर्वरकों का आयात किया है, जिसमें से रूस से आयातित उर्वरक की हिस्सेदारी काफी बड़ी है। विशेषकर यूरिया, यूरिया अमोनियम नाइट्रेट (यूएएन) और पोटेशियम क्लोराइड (म्यूरिएट ऑफ पोटाश) जैसे रासायनिक उर्वरक अमेरिका की कृषि के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण हैं।

  • पैलेडियम: यह चांदी जैसी कीमती धातु विभिन्न इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों, औद्योगिक उत्पादों और ऑटोमोबाइल के उत्प्रेरक कन्वर्टर्स में इस्तेमाल होती है। 2024 में अमेरिका ने रूस से 878 मिलियन डॉलर का पैलेडियम आयात किया, जबकि 2025 की पहली छमाही तक यह आयात 594 मिलियन डॉलर पहुंच चुका है। पैलेडियम का निरंतर आयात अमेरिका की इलेक्ट्रॉनिक्स और ऑटोमोबाइल इंडस्ट्री के लिए जरूरी है।

  • यूरेनियम और प्लूटोनियम: जून 2025 तक के आंकड़ों के अनुसार, अमेरिका ने रूस से करीब 755 मिलियन डॉलर मूल्य का यूरेनियम और प्लूटोनियम आयात किया है, जो अमेरिका की ऊर्जा और रक्षा क्षमताओं के लिए महत्वपूर्ण हैं।

आगे का रास्ता क्या होगा?

अलास्का में हुई बैठक में ट्रेड डील और यूक्रेन जंग के सीजफायर पर कोई सहमति नहीं बन सकी, लेकिन दोनों नेताओं ने व्यापारिक रिश्तों को बनाए रखने और विस्तार देने पर जोर दिया। विशेषज्ञ मानते हैं कि अमेरिका रूस के साथ व्यापारिक संबंधों को पूरी तरह से समाप्त करने की स्थिति में नहीं है, खासकर तब जब दोनों देशों के बीच आर्थिक जुड़ाव कई महत्वपूर्ण क्षेत्रों में गहरा है।

वहीं, अमेरिका की नीति पर आलोचना भी हो रही है कि वह दूसरे देशों पर रूस से तेल और अन्य वस्तुओं का आयात रोकने के लिए दबाव डालते हुए खुद रूस से बड़े पैमाने पर व्यापार क्यों कर रहा है। इस द्वैतपूर्ण स्थिति ने वैश्विक आर्थिक और राजनीतिक माहौल में कई प्रश्न खड़े कर दिए हैं।

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