Edited By Tanuja,Updated: 13 Dec, 2025 07:12 PM

अमेरिका ने ब्राज़ील के सुप्रीम कोर्ट के जज अलेक्ज़ांद्रे डी मोरेस पर लगाए गए प्रतिबंध हटा लिए हैं। ये प्रतिबंध बोल्सोनारो को दोषी ठहराने के बाद लगाए गए थे। राष्ट्रपति लूला ने फैसले का स्वागत किया, जबकि बोल्सोनारो समर्थकों ने नाराज़गी जताई।
International Desk: अमेरिका ने शुक्रवार को ब्राज़ील के सुप्रीम कोर्ट के जज अलेक्ज़ांद्रे डी मोरेस पर लगाए गए प्रतिबंध हटा लिए। जज मोरेस वही न्यायाधीश हैं, जिन्होंने 2022 के राष्ट्रपति चुनाव को पलटने की कोशिश के मामले में पूर्व राष्ट्रपति जायर बोल्सोनारो को दोषी ठहराते हुए जेल भेजने का फैसला सुनाया था। यह जानकारी न्यूयॉर्क टाइम्स की रिपोर्ट में सामने आई है। अमेरिकी सरकार ने जुलाई में जज मोरेस पर Global Magnitsky Act के तहत प्रतिबंध लगाए थे। इस कानून के तहत गंभीर मानवाधिकार उल्लंघन या भ्रष्टाचार के आरोपों में विदेशी नागरिकों की संपत्तियां फ्रीज़ की जा सकती हैं और यात्रा पर रोक लगाई जा सकती है। इन प्रतिबंधों की जद में जज की पत्नी विवियाने बार्सी डी मोरेस और उनकी कानूनी प्रशिक्षण संस्था इंस्टिट्यूटो लेक्स भी आई थीं।
हालांकि, अमेरिकी ट्रेजरी विभाग द्वारा शुक्रवार को जारी अधिसूचना के अनुसार जज मोरेस, उनकी पत्नी और उनकी संस्था को अब प्रतिबंध सूची से हटा दिया गया है। ट्रंप प्रशासन के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि इन प्रतिबंधों को बनाए रखना अब अमेरिका की विदेश नीति के हितों के अनुरूप नहीं है। इस फैसले पर ब्राज़ील के सुप्रीम कोर्ट की ओर से तत्काल कोई प्रतिक्रिया नहीं आई। लेकिन साओ पाउलो में राष्ट्रपति लुईज़ इनासियो लूला दा सिल्वा की मौजूदगी में आयोजित एक कार्यक्रम में जज मोरेस ने कहा, “आज सच की जीत हुई है। ब्राज़ील की न्यायपालिका ने न तो धमकियों के आगे झुकाव दिखाया और न ही दबाव के आगे।”
लूला ने भी संतोष जताते हुए कहा, “किसी दूसरे देश के राष्ट्रपति द्वारा ब्राज़ील के सुप्रीम कोर्ट के जज को केवल संविधान के पालन के लिए दंडित करना सही नहीं था।”गौरतलब है कि जज मोरेस ने ब्राज़ील में लोकतंत्र के खिलाफ खतरों पर सख्त रुख अपनाया है, हालांकि सोशल मीडिया पोस्ट के लिए लोगों को जेल भेजने जैसे कुछ फैसलों को आलोचकों ने अलोकतांत्रिक भी बताया। पूर्व राष्ट्रपति जायर बोल्सोनारो पर आरोप है कि उन्होंने लूला को सत्ता से रोकने के लिए तख्तापलट की साजिश और उन्हें ज़हर देने की योजना बनाई। सितंबर में ब्राज़ील की सुप्रीम कोर्ट ने बोल्सोनारो को दोषी ठहराते हुए 27 साल की सज़ा सुनाई थी। बोल्सोनारो ने आरोपों से इनकार करते हुए कहा कि वे संविधान के भीतर रहकर सत्ता में बने रहने के विकल्प तलाश रहे थे।
इस मामले को लेकर अमेरिका और ब्राज़ील के रिश्तों में तनाव बढ़ गया था। ट्रंप ने इसे “विच हंट” बताते हुए ब्राज़ील पर टैरिफ भी लगाए थे, जिससे कॉफी और कृषि उत्पादों की कीमतें अमेरिका में बढ़ गई थीं। बाद में दोनों देशों के बीच बातचीत के बाद टैरिफ और अब प्रतिबंध भी हटा लिए गए। ब्राज़ील के विदेश मंत्री माउरो विएरा ने कहा कि यह फैसला राष्ट्रपति लूला के अनुरोध और लंबी कूटनीतिक बातचीत का नतीजा है। वहीं, बोल्सोनारो के बेटे एडुआर्डो बोल्सोनारो ने इस फैसले पर निराशा जताई, हालांकि उन्होंने उम्मीद जताई कि यह अमेरिका के रणनीतिक हितों की रक्षा करेगा।