Edited By Tanuja,Updated: 25 Nov, 2025 03:10 PM

थाईलैंड में 65 वर्षीय महिला को मृत मानकर ताबूत में 500 किमी दूर दाह संस्कार के लिए लाया गया, लेकिन मंदिर में अचानक ताबूत से खट-खट की आवाज आई और वह जिंदा पाई गईं। मृत्यु प्रमाणपत्र न होने से अस्पताल और मंदिर ने दाह संस्कार से इनकार किया था। महिला का...
International Desk: थाईलैंड में एक हैरान करने वाला मामला सामने आया जब एक महिला को अंतिम संस्कार के लिए लाया गया तो वह अपने ताबूत में जिंदा पायी गयी। बैंकॉक के बाहरी इलाके नॉनथाबुरी प्रांत में स्थित वाट राट प्राखोंग थाम नामक बौद्ध मंदिर ने फेसबुक पर एक वीडियो पोस्ट किया, जिसमें एक महिला को एक पिकअप ट्रक में रखे एक सफेद रंग के ताबूत में लेटा हुआ देखा गया। वीडियो में महिला के हाथ और सिर में हल्की हरकत दिखाई देती है, जिससे मंदिर के कर्मचारी स्तब्ध रह जाते हैं।
मंदिर के सामान्य और वित्तीय प्रबंधक पैरेट सुदथूप ने सोमवार को बताया कि 65 वर्षीय महिला को उसका भाई फित्सानुलोक प्रांत से दाह संस्कार के लिए लाया था। पैरेट ने बताया कि उन्होंने ताबूत के अंदर से हल्की ठक-ठक की आवाज सुनी। उन्होंने कहा, ‘‘मैं थोड़ा हैरान हुआ इसलिए मैंने उनसे ताबूत खोलने को कहा और सभी डर गए। मैंने देखा कि वह अपनी आंखें थोड़ी खोल रही थीं और ताबूत को खटखटा रही थीं। संभव है कि वह काफी देर से खटखटा रही हों।'' पैरेट के अनुसार, महिला के भाई ने बताया कि वह करीब दो साल से बिस्तर पर थीं और उनकी हालत बिगड़ने के बाद उनमें कोई हलचल नहीं हो रही थी और दो दिन पहले ऐसा लगा कि उनकी सांस चलना बंद हो गई।
इसके बाद भाई ने उन्हें ताबूत में रखा और लगभग 500 किलोमीटर की यात्रा कर उन्हें बैंकॉक के एक अस्पताल ले गया, जहां वह पहले अपने अंग दान करने की इच्छा व्यक्त कर चुकी थीं। उन्होंने बताया कि लेकिन अस्पताल ने अंगदान की अर्जी खारिज कर दी क्योंकि भाई के पास आधिकारिक मृत्यु प्रमाणपत्र नहीं था। उनका मंदिर मुफ्त दाह संस्कार सेवा प्रदान करता है इसलिए महिला का भाई रविवार को वहां आया लेकिन प्रमाणपत्र नहीं होने की वजह से मंदिर ने भी दाह संस्कार से इनकार कर दिया। मंदिर प्रबंधक ने बताया कि जब वह भाई को मृत्यु प्रमाणपत्र प्राप्त करने की प्रक्रिया समझा रहे थे तभी ताबूत से ठक-ठक की आवाज आई। इसके बाद महिला को तुरंत पास के अस्पताल भेज दिया गया। पैरेट के अनुसार, मंदिर के प्रमुख भिक्षु ने महिला के इलाज का खर्च उठाने की घोषणा की है।