Edited By Pardeep,Updated: 12 Aug, 2025 06:16 AM

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने सोमवार को साफ कर दिया कि सोने (Gold) पर कोई टैरिफ (आयात शुल्क) नहीं लगाया जाएगा। उन्होंने यह बयान अपने आधिकारिक सोशल मीडिया अकाउंट के ज़रिए साझा किया, जिसमें उन्होंने कहा: "Gold will not be Tariffed!"(सोने पर...
इंटरनेशनल डेस्कः पिछले कुछ दिनों से लगातार चर्चा और आशंका बनी हुई थी कि अमेरिका, विशेष रूप से राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप, सोने (Gold) के आयात पर भी भारी-भरकम टैरिफ (आयात शुल्क) लगाने वाले हैं। इन अटकलों और यूएस कस्टम्स एंड बॉर्डर प्रोटेक्शन (CBP) के एक अचानक आए फैसले ने दुनिया भर के बुलियन मार्केट (सोने-चांदी के बाजार) में हलचल मचा दी थी। लेकिन सोमवार को राष्ट्रपति ट्रंप ने खुद Truth Social पर पोस्ट कर यह साफ कर दिया कि: "Gold will not be Tariffed!" (“सोने पर कोई टैरिफ नहीं लगाया जाएगा”)। हालांकि उन्होंने इसके अलावा कोई और विस्तृत जानकारी नहीं दी।
विवाद की शुरुआत कैसे हुई?
31 जुलाई को CBP ने एक "रूलिंग लेटर" (औपचारिक स्पष्टीकरण पत्र) में कहा कि 1 किलोग्राम और 100 औंस वजन के गोल्ड बार पर अमेरिका का देश-आधारित टैरिफ लागू होगा। यह 39% का भारी टैरिफ स्विट्ज़रलैंड जैसे देशों से आने वाले सोने पर लागू होना था। इस पत्र को एक स्विस रिफाइनरी को भेजा गया था, लेकिन बाद में इसे CBP की वेबसाइट पर भी सार्वजनिक कर दिया गया।
क्यों मचा था इतना हड़कंप?
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सोने को आमतौर पर अन्य कमोडिटीज़ (जैसे तांबा) की तरह नहीं देखा जाता — यह एक Safe Haven Asset और ग्लोबल करेंसी के रूप में जाना जाता है।
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विश्लेषकों और ट्रेडर्स को पूरा भरोसा था कि गोल्ड बार को ट्रंप के "रेसिप्रोकल टैरिफ़" (प्रतिस्पर्धी शुल्क) से छूट मिलेगी।
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CBP के इस पत्र से बाजार में यह संदेश गया कि अब सोने पर भी टैरिफ लागू हो सकता है।
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नतीजतन, गोल्ड फ्यूचर्स की कीमतें रिकॉर्ड ऊंचाई पर पहुंच गईं और कई जगह गोल्ड शिपमेंट रुक गए।
व्हाइट हाउस के दखल के बाद स्थिति साफ हुई
शुक्रवार शाम को स्थिति तब थोड़ी स्पष्ट हुई जब व्हाइट हाउस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने ब्लूमबर्ग को बताया कि ट्रंप प्रशासन इस भ्रम को दूर करने के लिए जल्द ही एक Executive Order (कार्यकारी आदेश) लाएगा। ट्रंप के इस स्पष्टीकरण के बाद सोमवार को बाजार को राहत मिली और गोल्ड की कीमतों में गिरावट देखी गई।
सोना: पहले से ही उथल-पुथल में
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साल 2025 में सोने का बाजार पहले से ही जियोपॉलिटिकल तनाव, ट्रेड वॉर, और सेंट्रल बैंकों की खरीद की वजह से चरम पर है।
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साल की शुरुआत में, जब ट्रंप सरकार ने सोने और चांदी को टैरिफ से छूट नहीं दी थी, तो ट्रेडर्स ने अरबों डॉलर का सोना और चांदी अमेरिका भेजना शुरू कर दिया था।
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लेकिन अप्रैल की शुरुआत में जब इन्हें टैरिफ से आधिकारिक छूट मिल गई, तो शिपमेंट रुक गए।