Edited By Tanuja,Updated: 04 May, 2022 12:43 PM
जर्मनी की विपक्षी कंजर्वेटिव पार्टी के नेता फ्रेडरिक मर्ज़ यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की सहित कई वरिष्ठ अधिकारियों के साथ मुलाकात करने के लिए
कीवः जर्मनी की विपक्षी कंजर्वेटिव पार्टी के नेता फ्रेडरिक मर्ज़ यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की सहित कई वरिष्ठ अधिकारियों के साथ मुलाकात करने के लिए मंगलवार को कीव पहुंचे। मर्ज़ ऐसे समय कीव पहुंचे हैं, जब जर्मनी के चांसलर ओलाफ शोल्ज ने कहा है कि वह फिलहाल यूक्रेन की यात्रा नहीं करेंगे। यूक्रेन द्वारा, जर्मनी के राष्ट्रपति फ्रैंक-वाल्टर स्टेनमीयर को आमंत्रित करने से इंकार करने के बाद से शोल्ज की हाल के हफ्तों में यूक्रेनी अधिकारियों के साथ तीखी बहस हुई है।
यूक्रेन ने स्टेनमीयर पर जर्मनी के विदेश मंत्री के रूप में अपने कार्यकाल के दौरान रूस के साथ नजदीकियां रखने का आरोप लगाया है। शोल्ज ने सोमवार की रात सरकारी प्रसारक ‘जेडडीएफ' से बातचीत में कहा था, ‘‘ यह नहीं चलेगा कि एक देश, जो आपको इतनी सैन्य और वित्तीय मदद मुहैया कराता है, आप उसके राष्ट्रपति से कहेंगे कि वह आपके यहां नहीं आ सकते।'' बर्लिन में यूक्रेन के राजदूत आंद्रिज मेलनिक ने मंगलवार को शोल्ज के इनकार पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा था कि उनका व्यवहार किसी ‘‘शासनाध्यक्ष की तरह नहीं है।'' मेलनिक के कहा था, ‘‘यह कोई किंडरगार्टन का नहीं बल्कि यूक्रेन पर नाजी आक्रमण के बाद विनाश के सबसे क्रूर युद्ध का मामला है।''
फ्रेडरिक मर्ज़ ने मंगलवार को रूसी सेना द्वारा किए गए विनाश को देखने के लिए इरपिन शहर का दौरा किया। मर्ज़, जर्मनी की पूर्व चांसलर एंजेला मर्केल के यूनियन ब्लॉक का नेतृत्व करते हैं। गोलाबारी में क्षतिग्रस्त हुई इमारतों के बाहर मर्ज़ ने इरपिन में रूसी आक्रमण का मुकाबला करने के लिए यूक्रेनी सेना की सराहना की और शहर के पुनर्निर्माण में मदद करने का संकल्प जताया।
मर्ज़ ने बाद में जेलेंस्की सहित कई वरिष्ठ अधिकारियों के साथ मुलाकात भी की। उन्होंने कहा कि यूक्रेन के राष्ट्रपति के साथ उन्होंने सार्थक चर्चा की। ऐसा कहा जा रहा है जर्मनी के चांसलर ओलाफ शोल्ज के यूक्रेन की यात्रा पर जाने से इनकार करने के बाद उत्पन्न स्थिति का फायदा उठाने के लिए मर्ज़ यूक्रेन पहुंचे हैं। इस बीच, जर्मनी के अधिकारियों ने बताया कि युद्ध शुरू होने के बाद से यूक्रेन के करीब 4,00,000 शरणार्थियों को जर्मनी ने शरण दी है।