यू.पी. में मुस्लिम समुदाय को अपने पक्ष में करने में सफल हो रही भाजपा

Edited By rajesh kumar,Updated: 24 May, 2023 01:47 PM

u p bjp is succeeding in getting the muslim community in its favor

2017 से पहले एक दौर था, जब मुस्लिम वर्ग भाजपा को वोट डालने से लेकर भाजपा से टिकट लेने तक से कतराता था लेकिन अब समय बदल गया है।

जालंधर (पाहवा): 2017 से पहले एक दौर था, जब मुस्लिम वर्ग भाजपा को वोट डालने से लेकर भाजपा से टिकट लेने तक से कतराता था लेकिन अब समय बदल गया है, खासकर उत्तर प्रदेश में पिछले कुछ समय से मुस्लिम वर्ग में भाजपा के प्रति रुझान बढ़ गया है, जिसका असर यह हुआ कि हाल ही के स्थानीय निकाय चुनावों में पार्टी के 50 के करीब मुस्लिम उम्मीदवारों को सफलता हासिल हुई। 

भाजपा ने भी मुस्लिम वर्ग को अहमियत देनी शुरू कर दी
भाजपा को लेकर मुस्लिम समुदाय की सोच में बदलाव हुआ है और हाल ही में भाजपा ने भी मुस्लिम वर्ग को अहमियत देनी शुरू कर दी है। वाराणसी जैसे इलाके के मदनपुरा वार्ड में स्थानीय निकाय चुनाव के दौरान मुस्लिम महिला उम्मीदवार हुमा बानो ने करीब 500 मत हासिल किए और तीसरे नम्बर पर रही। 2017 के चुनावों में पार्टी ने करीब 180 उम्मीदवार मैदान में उतारे थे और उस समय केवल एक मुस्लिम उम्मीदवार को ही सफलता मिली थी। इस साल पार्टी ने 395 उम्मीदवार मैदान में उतारे, जिनमें से 80 प्रतिशत सफल रहे। इनमें से मुस्लिम वर्ग में आने वाले पिछड़े वर्ग के पसमांदा कहलाए जाने वाले मुस्लिम शामिल हैं।

मुस्लिम समुदाय अब भाजपा के प्रति विश्वास जताने लगा
मुस्लिम समुदाय में एक बड़ा वर्ग अब भाजपा के प्रति विश्वास जताने लगा है क्योंकि उन्हें लगने लगा है कि कि सरकार की वैल्फेयर योजनाओं में किसी तरह का कोई भेदभाव नहीं हो रहा है। उत्तर प्रदेश में 46 लाख घर प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत बनाए गए और आंकड़ों के अनुसार करीब 18 लाख लाभपात्री मुस्लिम वर्ग से हैं। उत्तर प्रदेश में सांप्रदायिक हिंसा की घटनाओं में बड़े स्तर पर कमी आई है और मुस्लिम वर्ग अब खुद को पहले से ज्यादा सुरक्षित महसूस करने लगा है। स्थानीय लोगों का कहना है कि साम्प्रदायिकता के नाम पर मुस्लिम वर्ग सदा ही धमकी भरे माहौल में रहा है। मुस्लिम वर्ग में अधिकतर दैनिक वेतनभोगी कर्मचारी हैं जो सांप्रदायिक हिंसा से सबसे ज्यादा प्रभावित होते हैं।

इन इलाकों में पार्टी को सफलता मिली
मुस्लिम वर्ग के जो लोग भाजपा की टिकट पर चुनाव लड़े हैं, उन्हें अभी भी समुदाय से विरोध सहना पड़ रहा है।  भाजपा ने मुस्लिम बहुल इलाकों में नया प्रयोग किया तथा वहां पर मुस्लिम वर्ग को ही टिकट देने में भलाई समझी। अमरोहा, बिजनौर, मुरादाबाद, रामपुर, संभल जैसे इलाकों में पार्टी को सफलता भी मिली। करीब 30 विजेता उम्मीदवारों के साथ-साथ 4 नगर पंचायत चेयरपर्सन इन्हीं इलाकों से संबंधित हैं। भाजपा नेताओं के अनुसार पार्टी मुस्लिम वर्ग को और करीब लाने के प्रयासों में जुटी हुई है। पार्टी का मानना है कि मुस्लिम वर्ग में भी भाजपा के प्रति रुझान तेजी से बढ़ रहा है।

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