Edited By rajesh kumar,Updated: 22 Nov, 2019 02:11 PM
ऑल जे.एड के. पंचायत काफ्रैंस ने सरकार की ओर से शुरू किए जा रहे बैक-टू-विलेज-2 को ड्रामा करार दिया। कांफ्रैंस ने सरकार से जानना चाहा कि इससे पहले जो बैक-टू-विलेज कार्यक्रम हुआ था औऱ उसमें जो सुझाव दिए गए उस पर सरकार अपना स्टैंड साफ करें कि कितने समय...
जम्मू(उदय): ऑल जे.एड के. पंचायत काफ्रैंस ने सरकार की ओर से शुरू किए जा रहे बैक-टू-विलेज-2 को ड्रामा करार दिया। कांफ्रैंस ने सरकार से जानना चाहा कि इससे पहले जो बैक-टू-विलेज कार्यक्रम हुआ था औऱ उसमें जो सुझाव दिए गए उस पर सरकार अपना स्टैंड साफ करें कि कितने समय सुझावों पर अमल किया गया है।
ऑल जे.एंड के. पंचायत कांफ्रैंस के चेयरमैन शफीक मीर ने कहा कि हम उप-राज्यपाल गिरीश चंद्र मुर्मू को बताना चाहते हैं कि सरकारी मशीनरी पंचायती राज संस्थाओं ते मुताबिक काम नहीं कर रही है। केंद्र शासित प्रदेश में पंचायतों के चुनावों के बाद उन्हें सशक्त नहीं बनाया गया। एक साल बीत जाने के बाद अभी तक पंचायतों को सशक्त बनाने के बारे में कोई कदम नहीं उठाया गया। उनके साथ प्रांतीय प्रधान अरूण शर्मा, नवनिर्वाचित बी.डी.सी. चेयरमैन, पंच औऱ सरपंच भी मौजूद रहे।
पंच, सरपंच जनता का सामना करने में असमर्थ
मीर ने कहा कि सरकार अगर बैक-टू-विलेज-2 चलाना चाहती है तो उन्हीं आफिसरों को तैनात करे जिन्हें लोगों ने अपनी मुश्किलों के बार में बताया था, ताकि पता चले कि उनकी मांगें पूरी हुई हैं या नहीं। उन्होंने कहा कि पंच, सरपंच जनता का सामना करने में असमर्थ हैं, क्योंकि लोगों के साथ किए गए वायदे पूरे नहीं किए गए हैं। सरकार एक काम बताए जो बैक-टू-विलेज में उठाया गया और उसे पूरा किया गया है।
पहले 800 करोड़ रुपए की देनदारी क्लीयर हो: मीर
मीर ने कहा कि पहले 800 करोड़ रुपए की देनदारी क्लीयर की जाए, जो रूरल डिवैल्पमैंट डिपार्टमैंट ने खड़ी की है। सरकार मजदूरों की देनदारी का भुगतान करने में विफल रही है। सरकार के पास कोई रोडमैप नहीं है जिसमें पंचायती राज संस्थानों को मजबूत बनाया जाए और यह सिर्फ केंद्र सरकार एवं लोगों को बेवकूफ बनाने के ले ड्रामा रचा गया है।