Edited By rajesh kumar,Updated: 08 Dec, 2019 11:54 AM
जम्मू-कश्मीर में सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) को शनिवार को उस समय एक बड़ी कामयाबी हाथ लगी जब हिज्बुल मुजाहिदीन के एक वांछित आतंकवादी ने आत्मसमर्पण कर दिया। बीएसएफ के प्रवक्ता ने बताया कि हिज्बुल मुजाहिदीन के आतंकवादी ने कश्मीर फ्रंटियर के इंस्पेक्टर...
श्रीनगर: जम्मू-कश्मीर में सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) को शनिवार को उस समय एक बड़ी कामयाबी हाथ लगी जब हिज्बुल मुजाहिदीन के एक वांछित आतंकवादी ने आत्मसमर्पण कर दिया। बीएसएफ के प्रवक्ता ने बताया कि हिज्बुल मुजाहिदीन के आतंकवादी ने कश्मीर फ्रंटियर के इंस्पेक्टर जनरल के समक्ष सुबह करीब नौ बजे आत्मसमर्पण कर पुरानी सामान्य जिदंगी जीने का फैसला लिया है। आतंकवादी की पहचान पुलवामा जिले में ब्राव बंदिना गांव निवासी मुज़फर अहमद के रूप में हुई है।
उन्होंने बताया कि पुलवामा के दरबगाम में 25 नवंबर को सुरक्षा बलों के साथ हुई मुठभेड़ के सिलसिल में उसकी तलाश की जा रही थी जिसमें दो आतंकवादी अहम शेख और इरफान अहमद को सुरक्षा बलों ने मार गिराया था। उन्होंने बताया कि जिस वाहन में आतंकवादी आए थे उसका चालक मुजफर था। प्रवक्ता ने कहा इससे पहले मुजफर आतंकवादी संगठन लश्कर-ए- तैयबा से जुड़े होने के चलते वर्ष 2010 में भी गिरफ्तार किया गया था और उस दौरान उसे कठुआ की जेल में करीब आठ महीनों के लिए रखा गया था।
उन्होंने बताया कि करीब दो महीने पहले इस आतंकवादी को इसी मामले में फिर से गिरफ्तार किया था और अनंतनाग की मट्टन केहरिबल कल में आठ से दस महीने के लिए रखा गया था। आतंकवादी को वर्ष 2016 में पूछताछ के लिए हिरासत में भी लिया गया था। उन्होंने बताया कि मुजफर के परिवार में मां, पत्नी और छह साल का बेटा और चार वर्ष की एक बेटी है।