Edited By PTI News Agency,Updated: 17 Feb, 2021 08:20 PM
बेंगलुरु, 17 फरवरी (भाषा) भारतीय विज्ञान संस्थान (आईआईएस) के शोधकर्ताओं ने नार्वे में ओस्लो विश्वविद्यालय अस्पताल और एडगर विश्वविद्यालय के सहयोग एक नया सॉफ्टवेयर उपकरण विकसित किया है जो कोविड-19 मरीजों में फेफड़ों के संक्रमण की गंभीरता का...
बेंगलुरु, 17 फरवरी (भाषा) भारतीय विज्ञान संस्थान (आईआईएस) के शोधकर्ताओं ने नार्वे में ओस्लो विश्वविद्यालय अस्पताल और एडगर विश्वविद्यालय के सहयोग एक नया सॉफ्टवेयर उपकरण विकसित किया है जो कोविड-19 मरीजों में फेफड़ों के संक्रमण की गंभीरता का खुलासा करता है।
बेंगलुरु स्थित आईआईएस ने एक बयान में कहा कि जर्नल ‘‘आईईईई ट्रांजेक्शंस ऑन न्यूरल नेटवर्क्स एंड लर्निंग सिस्टम’ में प्रकाशित एक अध्ययन में इसका उल्लेख किया गया है।
बयान में कहा गया है कि कोविड-19 श्वसन प्रणाली, विशेष रूप से फेफड़ों के ऊतकों को गंभीर नुकसान पहुंचा सकता है। एक्स-रे या सीटी स्कैन जैसे तरीके यह निर्धारित करने में मददगार साबित हो सकते हैं कि संक्रमण कितना गंभीर है।
इसमें कहा गया है कि आईआईएससी में ‘कम्प्यूटेशनल और डेटा साइंस एंड इंस्ट्रूमेंटेशन और एप्लाइड फिजिक्स’ के विभागों द्वारा विकसित सॉफ्टवेयर उपकरण को ‘एनमनेट’ कहा जाता है।
आईआईएस के अनुसार, ‘‘यह ऐसा उपकरण है जो डॉक्टरों को स्वचालित सहायता प्रदान कर सकता है और इसलिए तेजी से निदान और कोविड-19 के बेहतर प्रबंधन में मदद करता है।’’
बयान में कहा गया है कि इससे कोविड-19 मरीजों में फेफड़ों के संक्रमण की गंभीरता का पता लगाया जा सकता है।
आईआईएस ने कहा कि यह सॉफ्टवेयर उपकरण जनता के लिए उपलब्ध है।
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