कर्नाटक भाजपा में कलह और बढ़ी, प्रदेश प्रभारी ने विधायकों से की भेंट

Edited By PTI News Agency,Updated: 17 Jun, 2021 11:00 PM

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बेंगलुरु, 17 जून (भाषा) कर्नाटक में भाजपा में कलह बढ़ने और मुख्यमंत्री बी एस येदियुरप्पा को हटाने की अटकलों के बीच प्रदेश के लिए पार्टी के प्रभारी राष्ट्रीय महासचिव अरुण सिंह ने बृहस्पतिवार को विधायकों से अलग-अलग मुलाकात की।

बेंगलुरु, 17 जून (भाषा) कर्नाटक में भाजपा में कलह बढ़ने और मुख्यमंत्री बी एस येदियुरप्पा को हटाने की अटकलों के बीच प्रदेश के लिए पार्टी के प्रभारी राष्ट्रीय महासचिव अरुण सिंह ने बृहस्पतिवार को विधायकों से अलग-अलग मुलाकात की।

सिंह ने ऐसा प्रदर्शित करने का प्रयास किया कि पार्टी एकजुट है और कुछ असंतुष्ट विधायक सरकार और उसके नेतृत्व के खिलाफ बयानबाजी कर रहे हैं। उन्होंने ऐसे नेताओं को गंभीर नतीजे के प्रति चेताया है और कहा कि उनके आचरण से पार्टी की छवि को नुकसान पहुंचा है और लाखों कार्यकर्ताओं को धक्का लगा है।

विधान पार्षद ए एच विश्वनाथ ने सरेआम येदियुरप्पा को हटाने की मांग की और मुख्यमंत्री के छोटे बेटे बी वाई विजयेंद्र पर भ्रष्टाचार और प्रशासन में दखल देने के आरोप लगाए। इस पर मुख्यमंत्री के राजनीतिक सचिव एम पी रेणुकाचार्य और एस आर विश्वनाथ ने तीखी प्रतिक्रिया दी। बी वाई विजयेंद्र भाजपा के प्रदेश उपाध्यक्ष हैं। विधायक अरविंद बेल्लाड के फोन टैप कराने संबंधी बयान भी भाजपा के लिए शर्मिंदगी का सबब बन गए हैं।

राज्य के अपने तीन दिवसीय दौरे के दूसरे दिन 40 से ज्यादा विधायकों से अलग-अलग मुलाकात करने वाले सिंह ने नेतृत्व मुद्दे पर विधायकों के साथ बात किए जाने से इनकार किया और जमीनी स्तर पर पार्टी कार्यकर्ताओं और विधायकों के कामकाज पर खुशी जतायी। कुछ असंतुष्ट विधायकों द्वारा दिए गए बयान पर उन्होंने कहा कि हर किसी को यह ध्यान रखना चाहिए कि उनका आचरण पार्टी को नुकसान पुहंचाने वाला ना हो।

सिंह ने कहा, ‘‘महज दो या तीन लोग लाखों कार्यकर्ताओं को चोट पहुंचा रहे हैं और पार्टी की छवि को नुकसान हो रहा है...हम इस पर नजर रख रहे हैं, हम उनके साथ बात करेंगे और अगर चीजें जारी रहेंगी तो जरूरी होगा वह करेंगे। क्या करना है, इस बारे में मीडिया के सामने बताने की जरूरत नहीं है।’’
अपने बयानों से पार्टी की फजीहत कराने वाले विधान पार्षद एच विश्वनाथ ने सिंह से मुलाकात के बाद कहा कि दूसरे दलों की तरह भाजपा में भी ‘‘वंशवाद की राजनीति’’ हो रही है और उन्होंने येदियुरप्पा को ‘मार्गदर्शक’’ बन जाने और दूसरों के लिए रास्ता खाली करने की सलाह दी। उन्होंने विजयेंद्र के खिलाफ भ्रष्टाचार और प्रशासन में हस्तक्षेप करने के भी आरोप लगाए। प्रदेश भाजपा महासचिव एन रवि कुमार ने इन बयानों को खारिज कर दिया और विधान पार्षद के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है।

बेल्लाड के फोन टैप कराने और उन्हें फंसाने की साजिश रचने के आरोपों पर पार्टी की तरफ से रवि कुमार ने कहा कि उनके फोन टैप कराने का सवाल ही नहीं उठता है।

सूत्रों ने बताया कि विधायकों से अलग-अलग मुलाकात के दौरान सिंह ने संगठनात्मक कार्य, राज्य प्रशासन और पार्टी में हालिया घटनाक्रम के संबंध में चर्चा की। बताया जाता है कि बैठक के दौरान कई विधायकों ने येदियुरप्पा मंत्रिमंडल में क्षेत्रीय असंतुलन और सामाजिक न्याय पर बात की और कैबिनेट में फेरबदल पर जोर दिया।

बहरहाल, सत्तारूढ़ भाजपा में कलह खुलकर सामने आने के साथ विपक्षी कांग्रेस और जद(एस) ने येदियुरप्पा नेतृत्व वाली सरकार को बर्खास्त करने की मांग की। जद (एस) ने दावा किया कि नेतृत्व नहीं रहने के कारण राज्य में अराजकता फैल रही है। कांग्रेस नेता और विधानसभा में विपक्ष के नेता सिद्धरमैया ने कहा कि ऐसे समय जब लोग कोविड-19 और लॉकडाउन का सामना कर रहे हैं ‘‘सरकार खुद आईसीयू में पहुंच गयी है।’’ सिद्धरमैया ने येदियुरप्पा से बेल्लाड द्वारा फोन टैप के आरोपों को लेकर उच्च न्यायालय के एक सेवारत न्यायाधीश से जांच कराने का भी आग्रह किया।



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