बाजार में पाचवें दिन गिरावट जारी, सेंसेक्स 536 अंक लुढ़का

Edited By PTI News Agency,Updated: 28 Jan, 2021 05:54 PM

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मुंबई, 28 जनवरी (भाषा) शेयर बाजार में बृहस्पतिवार को लगातार पांचवें कारोबारी सत्र में गिरावट जारी रही और बीएसई सेंसेक्स 536 अंक लुढ़क कर बंद हुआ। वैश्विक बाजारों में भारी बिकवाली और विदेशी पूंजी निकासी के बीच निवेशक सतर्क रुख अपना रहे हैं।

मुंबई, 28 जनवरी (भाषा) शेयर बाजार में बृहस्पतिवार को लगातार पांचवें कारोबारी सत्र में गिरावट जारी रही और बीएसई सेंसेक्स 536 अंक लुढ़क कर बंद हुआ। वैश्विक बाजारों में भारी बिकवाली और विदेशी पूंजी निकासी के बीच निवेशक सतर्क रुख अपना रहे हैं।

कारोबारियों के अनुसार निवेशक अगले सप्ताह केंद्रीय बजट से पहले जोखिम लेने से बच रहे हैं।

तीस शेयरों पर आधारित बीएसई सेंसेक्स 535.57 अंक यानी 1.13 प्रतिशत की गिरावट के साथ 46,874.36 अंक पर बंद हुआ।
नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई) का निफ्टी भी 149.95 अंक यानी 1.07 प्रतिशत की गिरावट के साथ 13,817.55 अंक पर बंद हुआ।
यह लगातार पांचवां कारोबारी सत्र है, जब बाजार में गिरावट आयी है। पिछले पांच दिनों में कुल मिलाकर सेंसेक्स 2,917.76 अंक जबकि निफ्टी 827.15 अंक टूटा है।

सेंसेक्स के शेयरों में सर्वाधिक नुकसान में एचयूएल का शेयर रहा। इसमें 3.65 प्रतिशत की गिरावट आयी। इसके अलावा जिन शेयरों में गिरावट दर्ज की गयी, उनमें मारुति, एचडीएफसी बैंक, पावरग्रिड, इंडसइंड बैंक, एचसीएल टेक और बजाज फिनसर्व शामिल हैं।

दूसरी तरफ, लाभ में रहने वाले शेयरों में एक्सिस बैंक, एसबीआई, ओएनजीसी और आईसीसीआई बैंक शामिल हैं। इनमें 6.16 प्रतिशत की गिरावट आयी।
वैश्विक मोर्चे पर मुनाफावसूली के बीच वाल स्ट्रीट में तीन महीनों में प्रतिशत अंक में एक दिन की सबसे बड़ी गिरावट आयी। यह स्थिति तब है जब अमेरिकी फेडरल रिजर्व ने मानक ब्याज दर को शून्य के करीब यथावत रखा और बांड खरीद कार्यक्रम जारी रखने की प्रतिबद्धता जतायी।

कोविड-19 मामलों में वृद्धि के बीच एशियाई और यूरोपीय शेयर बाजारों में भी बिकवाली दबाव रहा।

जियोजीत फाइनेंशियल सर्विसेज के शोध प्रमुख विनोद नायर ने कहा कि बजट से पहले अनिश्चितता और वैश्विक बाजारों में मुनाफावसूली के कारण बाजार में सतर्क रुख अपनाया जा रहा है।

उन्होंने कहा, ‘‘अमेरिकी फेडरल रिजर्व की अनुकूल और समर्थनकारी नीति के बावजूद वैश्विक जोखिम मानदंड बढ़ा है। इसका करण इक्विटी बाजार में अटकलों का तेज होना और भविष्य में राजकोषीय और मौद्रिक नकदी में गिरावट की आशंका है।’’
कारोबारियों के अनुसार हाल में विदेशी संस्थागत निवेशकों की घरेलू पूंजी बाजार से पैसा निकाले जाने से भी निवेशक धारणा पर असर पड़ा है।

विदेशी पोर्टफोलियो निवेशक (एफपीआई) पूंजी बाजार में शुद्ध रूप से बिकवाल बने हुए हैं। शेयर बाजार के पास उपलब्ध अस्थायी आंकड़े के अनुसार एफपीआई ने बुधवार को 1,688.22 करोड़ रुपये मूल्य के शेयर बेचे।
एशिया के अन्य बाजारों में शंघाई कंपोजिट इंडेक्स, हांगकांग का हैंगसेंग, दक्षिण कोरिया का कोस्पी और जापान का निक्की नुकसान में रहें।
यूरोप के प्रमुख बाजारों में भी शुरूआती कारोबार में गिरावट का रुख रहा।

इस बीच, वैश्विक तेल मानक ब्रेंट क्रूड का वायदा भाव 0.27 प्रतिशत की गिरावट के साथ 55.39 डॉलर प्रति बैरल पर कारोबार कर रहा था।

अमेरिकी डॉलर के मुकाबले रुपया 13 पैसे टूटकर 73.05 पर बंद हुआ।



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