Edited By PTI News Agency,Updated: 17 Aug, 2022 07:56 PM
मुंबई, 17 अगस्त (भाषा) छोटी राशि के कर्ज देने वाले उद्योग (माइक्रोफाइनेंस) की तरफ से दिया गया कुल ऋण चालू वित्त वर्ष की अप्रैल-जून तिमाही में 24 प्रतिशत बढ़कर 2,75,750 करोड़ रुपये पहुंच गया। एक साल पहले इसी अवधि में यह 2,22,307 करोड़ रुपये...
मुंबई, 17 अगस्त (भाषा) छोटी राशि के कर्ज देने वाले उद्योग (माइक्रोफाइनेंस) की तरफ से दिया गया कुल ऋण चालू वित्त वर्ष की अप्रैल-जून तिमाही में 24 प्रतिशत बढ़कर 2,75,750 करोड़ रुपये पहुंच गया। एक साल पहले इसी अवधि में यह 2,22,307 करोड़ रुपये था। एक रिपोर्ट में यह कहा गया है।
माइक्रोफाइनेंस से जुड़ी सभी इकाइयों की तरफ से दिया गया कुल कर्ज 31 मार्च, 2022 को 2,62,599 करोड़ रुपये था।
भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) से मान्यता प्राप्त सूक्ष्म वित्त संस्थानों के लिये स्व-नियामकीय संगठन (एसआरओ) सा-धन की रिपोर्ट के अनुसार, बैंक को छोड़कर सभी वित्तीय संस्थानों के कर्ज में दहाई अंक में वृद्धि हुई है। बैंकों का छोटी राशि का कर्ज 9.23 प्रतिशत बढ़कर 1,04,762 करोड़ रुपये रहा।
गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियों (एनबीएफसी) का कर्ज 54.62 प्रतिशत बढ़कर 24,870 करोड़ रुपये पहुंच गया। एनबीएफसी-सूक्ष्म वित्त संस्थान (एमएफआई), लघु वित्त बैंक और गैर-लाभकारी एमएफआई की तरफ से दिया गया कर्ज क्रमश: 35.18 प्रतिशत, 27.66 प्रतिशत और 20.71 प्रतिशत बढ़ा।
सा-धन के कार्यकारी निदेशक और मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ) जीजी मैमन ने रिपोर्ट में लिखा है, ‘‘यह क्षेत्र महामारी की कठिनाइयों से बाहर आ गया है और अब पटरी पर है...।’’
सभी वित्तीय संस्थानों का कुल कर्ज वितरण चालू वित्त वर्ष की अप्रैल-जून तिमाही में 57,842 करोड़ रुपये रहा जो पिछले साल इसी तिमाही में 27,328 करोड़ रुपये था।
रिपोर्ट के अनुसार, हालांकि 2021-22 की चौथी तिमाही (जनवरी-मार्च) की तुलना में कर्ज वितरण करीब 35 प्रतिशत कम है।
क्षेत्र में गैर-निष्पादित परिसंपत्ति जून, 2022 के अंत में करीब 12 प्रतिशत रही लेकिन एनबीएफसी-एमएफआई के मामले में यह नौ प्रतिशत रही।
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