Edited By PTI News Agency,Updated: 06 Dec, 2022 01:04 PM
मुंबई, छह दिसंबर (भाषा)एक भूमि सौदे से जुड़े कथित धनशोधन के एक मामले में पिछले हफ्ते महाराष्ट्र के पूर्व मंत्री नवाब मलिक को जमानत देने से इनकार करते हुए एक विशेष अदालत ने कहा कि उनका अपने परिवार के स्वामित्व वाली एक फर्म के माध्यम से “दागी...
मुंबई, छह दिसंबर (भाषा)एक भूमि सौदे से जुड़े कथित धनशोधन के एक मामले में पिछले हफ्ते महाराष्ट्र के पूर्व मंत्री नवाब मलिक को जमानत देने से इनकार करते हुए एक विशेष अदालत ने कहा कि उनका अपने परिवार के स्वामित्व वाली एक फर्म के माध्यम से “दागी संपत्ति पर कब्जा बना हुआ है”।
इस भूमि सौदे में भगोड़ा गैंगस्टर दाऊद इब्राहिम व उसके सहयोगी शामिल थे।
धनशोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) के तहत मामलों के लिये विशेष न्यायाधीश आर.एन. रोकाडे ने कहा कि प्रथम दृष्टया, यह इंगित करने के लिए सबूत थे कि हसीना पारकर (इब्राहिम की बहन), सलीम पटेल (इब्राहिम का कथित सहयोगी) और मलिक के बीच मुनिरा प्लंबर और उनकी मां मरियम गोवावाला के स्वामित्व वाली भूमि को हथियाने के लिए एक “साजिश” हुई।
न्यायाधीश ने 30 नवंबर को मलिक की जमानत याचिका खारिज कर दी थी। फैसले से संबंधित विस्तृत आदेश मंगलवार को उपलब्ध हुआ।
प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) नेता नवाब मलिक को इस साल फरवरी में गिरफ्तार किया था।
वह न्यायिक हिरासत में हैं और फिलहाल यहां एक निजी अस्पताल में उनका उपचार चल रहा है।
अदालत ने अपने आदेश में कहा, “पीएमएलए की धारा 50 के तहत दर्ज किए गए बयानों के संबंध में, मैं यह मानता हूं कि आवेदक का सॉलिडस इन्वेस्टमेंट्स प्राइवेट लिमिटेड के माध्यम से दागी संपत्ति पर निरंतर कब्जा है।’’
सॉलिडस इन्वेस्टमेंट्स कंपनी का स्वामित्व मलिक के परिवार के सदस्यों के पास है।
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