गर्भवती महिलाओं में ऊपरी श्वसन रोगों (Upper Respiratory Illness) में वृद्धि: डॉ. नवदीप कौर

Edited By Updated: 14 Oct, 2025 05:55 PM

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बदलते मौसम के साथ क्षेत्र के अस्पतालों में गर्भवती महिलाओं में ऊपरी श्वसन संबंधी रोगों (Upper Respiratory Illness) के मामलों में तेज़ी से वृद्धि देखी जा रही है। हाल ही में दर्ज किए गए मामलों में लगभग 60 से 70 प्रतिशत गर्भवती महिलाएँ इस श्रेणी में...

बदलते मौसम के साथ क्षेत्र के अस्पतालों में गर्भवती महिलाओं में ऊपरी श्वसन संबंधी रोगों (Upper Respiratory Illness) के मामलों में तेज़ी से वृद्धि देखी जा रही है। हाल ही में दर्ज किए गए मामलों में लगभग 60 से 70 प्रतिशत गर्भवती महिलाएँ इस श्रेणी में आती हैं। इनमें रेस्पिरेटरी सिंसिशियल वायरस (RSV) संक्रमण भी तेजी से उभर रहा है, जो समय पर इलाज न होने पर गर्भावस्था के दौरान गंभीर असुविधा और जटिलताओं का कारण बन सकता है।

स्त्री रोग विशेषज्ञ डॉ. नवदीप कौर मदरहुड हॉस्पिटल, मोहाली (कंसल्टेंट, ऑब्स्टेट्रिक्स एंड गायनकोलॉजी; सदस्य FOGSI, IFS, ISAR, MOHOGS) ने बताया कि मौसम में बदलाव और गर्भावस्था के दौरान रोग प्रतिरोधक क्षमता में कमी इस बढ़ोतरी का मुख्य कारण है। उन्होंने कहा, “पिछले कुछ हफ्तों में गर्भवती महिलाओं में ऊपरी श्वसन संक्रमण के मामले स्पष्ट रूप से बढ़े हैं। गर्भावस्था के दौरान शरीर में स्वाभाविक रूप से कुछ प्रतिरक्षा संबंधी बदलाव होते हैं, जिससे महिलाएँ मौसमी वायरस की चपेट में जल्दी आ जाती हैं। ये संक्रमण हल्के लक्षण जैसे खाँसी, जुकाम और हल्का बुखार से लेकर गंभीर जटिलताओं तक जा सकते हैं, खासकर यदि महिला को पहले से अस्थमा, एनीमिया या डायबिटीज़ जैसी समस्याएँ हों।”

डॉ. नवदीप ने बताया कि रोकथाम ही सबसे कारगर उपाय है। “गर्भवती महिलाएँ मास्क पहनें, हाथों की साफ-सफाई रखें और भीड़भाड़ या बंद जगहों से बचें। यहाँ तक कि नई माताओं को भी नवजात शिशु के पास मास्क पहनने की सलाह दी जाती है ताकि संक्रमण का खतरा कम हो सके।”

उन्होंने यह भी कहा कि यदि श्वसन संबंधी लक्षण लगातार बने रहें या बिगड़ें तो तुरंत चिकित्सकीय परामर्श लेना ज़रूरी है। गर्भवती महिलाओं को पर्याप्त आराम, तरल पदार्थों का सेवन और विटामिन सी, प्रोटीन तथा आयरन से भरपूर संतुलित आहार लेना चाहिए, साथ ही खुद से दवा लेने से बचना चाहिए। समय पर टीकाकरण, जैसे फ्लू शॉट या आवश्यक होने पर कोविड बूस्टर, भी संक्रमण से बचाव में सहायक हो सकते हैं। हालाँकि गंभीर श्वसन संक्रमण के मामले कम होते हैं, लेकिन ये भ्रूण के स्वास्थ्य को प्रभावित कर सकते हैं, जैसे समय से पूर्व प्रसव या कम वज़न के साथ जन्म लेना।
विशेषज्ञों का कहना है कि RSV और अन्य मौसमी वायरस गर्भवती महिलाओं के साथ-साथ नवजात शिशुओं के लिए भी ख़तरा बन सकते हैं। इसलिए जागरूकता और समय पर सावधानी ही जटिलताओं को रोकने का सबसे बेहतर तरीका है।


मदरहुड हॉस्पिटल्स में विशेषज्ञ गर्भवती महिलाओं को नियमित प्रसवपूर्व जाँच (Prenatal Check-ups) और मौसमी स्वास्थ्य परामर्श लेने की सलाह दे रहे हैं। संतुलित आहार से रोग प्रतिरोधक क्षमता मज़बूत करना, स्वच्छता नियमों का पालन करना और रोकथाम को प्राथमिकता देना गर्भावस्था को सुरक्षित व स्वस्थ बनाए रखने में मददगार हो सकता है, खासकर मौसमी संक्रमणों के इस दौर में।

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