Edited By Radhika,Updated: 16 Jun, 2025 02:01 PM
भारत की अगली जनगणना जो 2027 में होने वाली है, कई मायनों में ऐतिहासिक होगी। यह न केवल देश की 16वीं जनगणना होगी, बल्कि आजादी के बाद की यह 8वीं जनगणना भी होगी। इस बार सबसे बड़ा बदलाव यह है कि यह जनगणना पूरी तरह से डिजिटल माध्यम से की जाएगी।
नेशनल डेस्क: भारत की अगली जनगणना जो 2027 में होने वाली है, कई मायनों में ऐतिहासिक होगी। यह न केवल देश की 16वीं जनगणना होगी, बल्कि आजादी के बाद की यह 8वीं जनगणना भी होगी। इस बार सबसे बड़ा बदलाव यह है कि यह जनगणना पूरी तरह से डिजिटल माध्यम से की जाएगी।
16 साल बाद जुटेंगे नए आंकड़े-
यह पहली बार होगा जब भारत की जनगणना मोबाइल एप्लिकेशन के ज़रिए की जाएगी। इस डिजिटल तरीके से जनगणना प्रक्रिया को तेज़ और त्रुटिहीन बनाने में मदद मिलेगी। एक और महत्वपूर्ण सुविधा यह है कि नागरिकों के लिए सेल्फ-एन्यूमरेशन की सुविधा भी उपलब्ध होगी। इसका मतलब है कि लोग चाहें तो खुद ही अपने परिवार से जुड़ी जानकारी सीधे ऐप में भर सकेंगे, जिससे प्रक्रिया और सुविधाजनक हो जाएगी।

डेटा सुरक्षा पर रहेगा खास ध्यान-
सरकार ने डेटा सुरक्षा को लेकर भी खास तैयारी की है। जानकारी के संग्रह, ट्रांसफर और स्टोरेज के दौरान कड़े सुरक्षा उपाय किए जाएंगे ताकि किसी भी प्रकार के डेटा लीक या गलत इस्तेमाल को रोका जा सके। यह सुनिश्चित किया जाएगा कि नागरिकों की व्यक्तिगत जानकारी पूरी तरह से सुरक्षित रहे।
यह भी गौरतलब है कि पिछली जनगणना वर्ष 2011 में हुई थी। इस तरह, भारत में यह जनगणना 16 वर्षों के लंबे अंतराल के बाद होगी। ये नए आंकड़े देश की जनसंख्या, सामाजिक-आर्थिक स्थिति और विकास योजनाओं के लिए बेहद महत्वपूर्ण होंगे।