पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह का 92 साल की उम्र में निधन, 7 दिन के राष्‍ट्रीय शोक का ऐलान

Edited By Updated: 27 Dec, 2024 12:25 AM

7 days national mourning on the demise of former prime minister manmohan singh

केंद्र सरकार ने बृहस्पतिवार को पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के निधन पर सात दिन का राष्ट्रीय शोक घोषित किया है। आधिकारिक सूत्रों ने यह जानकारी दी है। उनके मुताबिक डॉ. मनमोहन सिंह का अंतिम संस्कार पूरे राजकीय सम्मान के साथ किया जाएगा।

नेशनल डेस्कः केंद्र सरकार ने बृहस्पतिवार को पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के निधन पर सात दिन का राष्ट्रीय शोक घोषित किया है। आधिकारिक सूत्रों ने यह जानकारी दी है। उनके मुताबिक डॉ. मनमोहन सिंह का अंतिम संस्कार पूरे राजकीय सम्मान के साथ किया जाएगा। सूत्रों ने बताया कि शुक्रवार को होने वाले सभी सरकारी कार्यक्रमों को रद्द कर दिया गया है। उन्होंने बताया कि शुक्रवार को केंद्रीय मंत्रिमंडल की बैठक होगी, जिसमें पूर्व प्रधानमंत्री को श्रद्धांजलि अर्पित की जाएगी। भारत के आर्थिक सुधारों के जनक मनमोहन सिंह का 92 साल की उम्र में बृहस्पतिवार रात निधन हो गया। वह 2004-14 के दौरान भारत के प्रधानमंत्री थे। 

राष्ट्रीय शोक और सरकारी प्रोटोकॉल 
पूर्व प्रधानमंत्री के निधन पर भारत सरकार आमतौर पर सात दिनों के राष्ट्रीय शोक की घोषणा करती है। 

इस दौरान:
राष्ट्रीय ध्वज: पूरे देश में सरकारी भवनों, भारतीय दूतावासों और उच्चायोगों पर राष्ट्रीय ध्वज आधा झुका रहता है।
सरकारी समारोह: इस अवधि में कोई सरकारी उत्सव, सांस्कृतिक या मनोरंजन से जुड़े कार्यक्रम आयोजित नहीं किए जाते। 
अंतिम संस्कार: पूर्व प्रधानमंत्री का अंतिम संस्कार राजकीय सम्मान के साथ किया जाता है, जिसमें सेना, नौसेना और वायुसेना की टुकड़ियां सलामी देती हैं। 
छुट्टी: केंद्रीय सरकारी कार्यालयों, सार्वजनिक उपक्रमों (PSU) और कई स्थानों पर आधे से एक दिन की छुट्टी घोषित की जा सकती है। 

शोक अवधि की परंपरा 
गुजर चुके गणमान्य व्यक्तियों, विशेषकर पूर्व राष्ट्रपतियों और प्रधानमंत्रियों के निधन पर सात दिन का राष्ट्रीय शोक रखना भारतीय परंपरा का हिस्सा है। उदाहरणस्वरूप, पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के निधन के बाद 2018 में भारत सरकार ने सात दिनों का राष्ट्रीय शोक घोषित किया था। 

डॉ. मनमोहन सिंह: एक संजीदा व्यक्तित्व और उनकी अमिट विरासत 
डॉ. मनमोहन सिंह का योगदान भारतीय राजनीति और प्रशासन में अद्वितीय है। 1991 में वित्त मंत्री के रूप में उनके द्वारा लागू किए गए आर्थिक सुधारों ने भारत को आर्थिक संकट से उबारा और उदारीकरण की दिशा में महत्वपूर्ण कदम बढ़ाए। प्रधानमंत्री के रूप में उनके 10 साल के कार्यकाल में शिक्षा, स्वास्थ्य और ग्रामीण विकास के क्षेत्र में कई ऐतिहासिक योजनाएं लागू की गईं। 

उनके निधन पर देश और विदेश के कई नेताओं ने शोक व्यक्त किया है। डॉ. मनमोहन सिंह का निधन देश के लिए अपूरणीय क्षति है। वे एक ऐसे नेता थे, जिन्होंने अपनी बुद्धिमत्ता, नम्रता और दूरदर्शी नीतियों से न केवल देश को प्रगति की ओर अग्रसर किया, बल्कि वैश्विक मंच पर भी भारत को एक नई पहचान दिलाई।

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