Edited By ,Updated: 15 May, 2017 12:17 PM
आगरा में बेहद चौंकाने वाला मामला सामने आया है। 7 महीने पहले गुवाहाटी में रीता के पति का देहांत हो गया था। उसके पास इतने पैसे भी नहीं थे कि वह उसका अंतिम संस्कार कर सके।
आगरा: आगरा में बेहद चौंकाने वाला मामला सामने आया है। 7 महीने पहले गुवाहाटी में रीता के पति का देहांत हो गया था। उसके पास इतने पैसे भी नहीं थे कि वह उसका अंतिम संस्कार कर सके। उसने गांव के महाजन के पास अपने 7 साल के बच्चे सोनू को गिरवी रखकर 2 हजार रुपए लिए और पति का अंतिम संस्कार किया। बचे पैसों से कुछ दिन घर का खर्च चला लेकिन मां की ममता बेटे की ओर ही लगी रही। उसको मुक्त करवाने के लिए उसने काम की तलाश की लेकिन उसे काम नहीं मिला। आखिर में वह अपने जेठ पप्पू और अन्य लोगों के साथ काम की तलाश में आगरा आ गई लेकिन यहां उसके अपनों ने उसका साथ छोड़ दिया। वह दर-दर भटकने को मजबूर हो गई।
रीता के दो मासूम बच्चे उसके साथ हैं। ऐसे में इतने बड़े शहर वह अपना और बच्चों का पेट कैसेे पालती, कभी कूड़े के ढेर से जूठन उठाकर तो कभी नाली का पानी पिलाकर बच्चों का पेट भर रही थी। तभी एक दुकानदार की नजर उससे पर पड़ी की वो नाली का पानी पी रही है तो उसने उसके पास जाकर सारी बात पूछी और दुकान से खुद पानी की बोतल खरीद कर उसे दी।
दुकानदार ने एक संस्था को इसकी जानकारी दी तो वे महिला के पास पहुंचे और उसकी मदद की। महिला को तीन हजार रुपए दिए गए, जिससे दो हजार में वह अफने बच्चे के छुड़ा सके और एक हजार में रास्ते में कुछ खा-पी सके। एक दुकानदार ने उसे पहल खाना खिलाया और फिर तीन दिन का खाना साथ में पैक भी करके दे दिया ताकि रासते में कोई परेशानी न आए।