Edited By vasudha,Updated: 13 Mar, 2021 04:48 PM
भोले की भक्तों के लिए बड़ी खबर सामने आई है। अमरनाथ यात्रा के शेड्यूल की घोषणा हो गई है। 28 जून से 12 अगस्त तक भक्त बाबा के दर्शन कर सकेंगे। अमरनाथ श्राइन बोर्ड के चेयरमैन व उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने आज राजभवन में सुबह 11 बजे बोर्ड सदस्यों की बैठक...
नेशनल डेस्क: भोले की भक्तों के लिए बड़ी खबर सामने आई है। अमरनाथ यात्रा के शेड्यूल की घोषणा हो गई है। अमरनाथ यात्रा 28 जून से शुरु होगी जो 22 अगस्त तक चल सकती है। कोरोना वायरस के चलते पिछले साल यात्रा रद्द कर दी गई थी, जिसके चलते भोलेनाथ के भक्त श्री अमरनाथ गुफा के दर्शन से वंचित रह गए थे।
अमरनाथ की गुफा श्रीनगर से करीब 145 किलोमीटर की दूरी हिमालय पर्वत श्रेणियों में स्थित है। समुद्र तल से 3,978 मीटर की ऊंचाई पर स्थित यह गुफा 150 फीट ऊंची और करीब 90 फीट लंबी है। 2019 में भी जम्मू-कश्मीर में धारा 370 के उल्लंघन के कारण यात्रा को 5 अगस्त के मध्य में रोक दिया गया था। जिसके कारण यात्रा के अंतिम चरण में जाने के इच्छुक श्रद्धालु दर्शन से वंचित रह गए थे। तीर्थयात्रा 1 जुलाई, 2019 को शुरू हुई और 32 दिनों के भीतर, 34,200 से अधिक तीर्थयात्रियों ने अमरनाथ गुफा का दर्शन किया था। इसलिए 2018 के बाद इस साल यात्रा सामान्य होगी और 56 दिनों तक चलेगी, हालांकि इस दाैरान यात्रियों को कोरोना दिशानिर्देशों का पालन करना होगा।
सूत्रों के अनुसार इस साल की अमरनाथ यात्रा आने वाले सभी श्रद्धालुओं की जम्मू में कोरोना संक्रमण की जांच होगी। इस जांच की रिपोर्ट नेगेटिव आने के बाद ही यात्रियों को यात्रा पर जाने दिया जाएगा। माना जा रहा है कि बोर्ड सदस्यों की बैठक में विशेष इंतेजाम पर जाेर दिया गया है। याद हो तो पिछले साल कोरोना के कारण आरती को अमरनाथ की गुफा से लाइव टेलीकास्ट किया गया था और भक्तों के लिए घर पर पूजा करने की व्यवस्था की गई थी ।अमरनाथ श्राइन बोर्ड के चेयरमैन व उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने आज राजभवन में सुबह 11 बजे बोर्ड सदस्यों की बैठक बुलाई थी। इसमें यात्रा के शेड्यूल सहित अन्य मुद्दों पर चर्चा हुई।
खबरों की मानें तो इस बार यात्रा में श्रीनगर से बालटाल तक हेलिकॉप्टर और यात्रा मार्ग के कुछ हिस्से पर बैटरी कार शुरू करने पर विचार किया जा रहा है। इसके अलावा शिव भक्तों को अधिक सहूलियत देने के लिए नए प्रयासों पर काम किया जा रहा है। अमरनाथ यात्रा पर जाने के लिए 2 रास्ते हैं- एक पहलगाम होकर जाता है और दूसरा सोनमर्ग बालटाल से जाता है। यानी देशभर के किसी भी क्षेत्र से पहले पहलगाम या बालटाल पहुंचना होता है। इसके बाद की यात्रा पैदल की जाती है। सरकार द्वारा निर्धारित रास्ते से ही यात्रा करें। चेतावनी वाले स्थानों पर न रुकें, आगे बढ़ते रहें।