Edited By ,Updated: 28 Aug, 2015 01:35 PM
तमिलनाडु के नमक्कल जिले के एक छोटे से मंदिर में नौ दिन पहले सुरेश और बेल्जियम की साराह रोगमेन की शादी तो हो गई, लेकिन फिर भी दोनों साथ नहीं रह पाएंगे।
चेन्नई: तमिलनाडु के नमक्कल जिले के एक छोटे से मंदिर में नौ दिन पहले सुरेश और बेल्जियम की साराह रोगमेन की शादी तो हो गई, लेकिन फिर भी दोनों साथ नहीं रह पाएंगे। मंदिर बोर्ड का कहना है कि साराह विदेशी और ईसाई हैं, जबकि सुरेश हिंदू। ऐसे में इस शादी का रजिस्टे्रशन नहीं किया जा सकता है। उनका कहना है कि जब तक इस शादी का रजिस्टे्रशन नहीं हो जाता तब तक साराह को भारत में रहने की अनुमति नहीं दी जाएगी। ऐसे में साराह को बेल्जियम लौटना ही होगा।
दूसरी तरफ सुरेश ने आरोप लगाया कि वह दलित समुदाय से है, इसलिए उन्हें तंग किया रहा है। उन्होंने कहा कि शादी को रजिस्टर्ड कराने के लिए उन्होंने मंदिर बोर्ड के हजारों चक्कर लगा दिए लेकिन उनकी शादी को रजिस्टर्ड नहीं किया जा रहा है।
आपकों बता दें कि साराह और सुरेश की मुलाकात एक शिप पर हुई थी जहां दोनों एक-दूसरे को दिल दे बैठे। जिसके बाद दोनों ने शादी करने का फैसला कर लिया।