Edited By Shubham Anand,Updated: 06 Jul, 2025 04:18 PM

अगले हफ्ते से शुरू हो रही कांवड़ यात्रा को लेकर तैयारियां जोरों पर हैं। इस दौरान हर साल देखा जाता है कि कई ढाबा और होटल संचालक अपने प्रतिष्ठानों के नाम बदल लेते हैं। अब इस मुद्दे पर योग गुरु बाबा रामदेव ने अपनी प्रतिक्रिया दी है बाबा रामदेव ने कहा...
National Desk : अगले हफ्ते से शुरू हो रही कांवड़ यात्रा को लेकर तैयारियां जोरों पर हैं। इस दौरान हर साल देखा जाता है कि कई ढाबा और होटल संचालक अपने प्रतिष्ठानों के नाम बदल लेते हैं। अब इस मुद्दे पर योग गुरु बाबा रामदेव ने अपनी प्रतिक्रिया दी है बाबा रामदेव ने कहा कि नाम बदलना न तो व्यावहारिक है और न ही धार्मिक रूप से उचित। उन्होंने स्पष्ट किया कि "सभी मुसलमानों के पूर्वज भी हिंदू रहे हैं, इसलिए नाम छुपाने की कोई जरूरत नहीं है। अगर लोगों की मर्जी होगी, तो वे खुद ही आपके ढाबे या होटल में खाना खाने आएंगे।"
विवादों में रहे हैं नाम बदलने के मामले
पिछले कुछ वर्षों में कई ऐसे मामले सामने आए हैं, जहां कांवड़ यात्रा के दौरान ढाबा और होटल संचालकों ने अपने नाम बदलकर व्यवसाय किया। ऐसे मामलों ने कई बार विवाद भी खड़े किए हैं। रामदेव ने कहा, “जैसे हमें हिंदू होने पर गर्व है, वैसे ही मुसलमानों को भी अपने धर्म पर गर्व करना चाहिए। नाम छुपाकर व्यवसाय करना न तो सच्चाई के पक्ष में है और न ही धर्म के। हर किसी को अपनी पहचान के साथ ईमानदारी से व्यवसाय करना चाहिए।”
मुजफ्फरनगर में हुआ मामला, एफआईआर दर्ज
मुजफ्फरनगर के नई मंडी क्षेत्र में दिल्ली-देहरादून कांवड़ मार्ग पर स्थित पंडित जी वैष्णो ढाबा को लेकर भी हाल ही में विवाद हुआ। ढाबा संचालक पर आरोप है कि उसने जानबूझकर नाम बदलकर ढाबा चलाया। मामले के बाद ढाबा गुरुवार को बंद कर दिया गया। पुलिस ने इस मामले में ढाबा मालिक दीक्षा शर्मा, संचालक सनावर और अन्य के खिलाफ मामला दर्ज किया है। पुलिस के अनुसार, ढाबा के पूर्व मैनेजर धर्मेंद्र की पिटाई इसलिए की गई, क्योंकि उस पर यह संदेह था कि उसने ही नाम बदलने की जानकारी सार्वजनिक की।
मराठी-हिंदी विवाद पर भी बोले बाबा रामदेव
महाराष्ट्र में चल रहे मराठी और हिंदी भाषा विवाद पर भी बाबा रामदेव ने प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा, "देश की हर भाषा का सम्मान होना चाहिए, चाहे वह मराठी हो या हिंदी। लेकिन भाषा, जाति और संप्रदाय के नाम पर हिंदुओं को आपस में नहीं लड़ना चाहिए। इससे हमारी सनातन संस्कृति और राष्ट्रीय एकता को नुकसान पहुंचता है।"