Edited By Anu Malhotra,Updated: 14 Aug, 2025 02:16 PM

कर्नाटक के रायचूर-जंबलदिन्नी मार्ग पर स्थित भीजनगेरा गांव में एक प्रेरणादायक घटना सामने आई है। यहां की रहने वाली 60 वर्षीय भिखारिन रंगम्मा ने स्थानीय अंजनेयस्वामी मंदिर के जीर्णोद्धार के लिए ₹1.83 लाख का दान दिया है। यह पूरी राशि उन्होंने पिछले छह...
नेशनल डेस्क: कर्नाटक के रायचूर-जंबलदिन्नी मार्ग पर स्थित भीजनगेरा गांव में एक प्रेरणादायक घटना सामने आई है। यहां की रहने वाली 60 वर्षीय भिखारिन रंगम्मा ने स्थानीय अंजनेयस्वामी मंदिर के जीर्णोद्धार के लिए ₹1.83 लाख का दान दिया है। यह पूरी राशि उन्होंने पिछले छह वर्षों में भीख मांगकर धीरे-धीरे इकट्ठा की थी।
भीख के पैसों से मंदिर का पुनर्निर्माण
रंगम्मा, जो मूल रूप से आंध्र प्रदेश की रहने वाली हैं, पिछले 35 वर्षों से भीजनगेरा गांव में रह रही हैं और अपने जीवनयापन के लिए पूरी तरह से भीख पर निर्भर रही हैं। उन्होंने पिछले छह सालों में जो भी भीख में पैसे मिले, उन्हें तीन बोरे (गुन्नी बैग) में जमा करती रहीं। उनकी यह निष्ठा और आस्था देखकर गांव के लोग भी भावुक हो गए। रंगम्मा ने जो राशि मंदिर के लिए दी, उससे उसका पुनर्निर्माण संभव हो सका और अब हाल ही में मंदिर को जनता के लिए समर्पित कर दिया गया है। रंगम्मा ने कहा- मैंने यह पैसे भगवान के नाम पर जोड़े थे। अब उनका उपयोग उन्हीं के मंदिर के लिए हुआ, इससे बड़ी खुशी और क्या हो सकती है।
रंगम्मा का सम्मान
मंदिर उद्घाटन के अवसर पर रंगम्मा को उनकी इस अद्वितीय और नि:स्वार्थ सेवा के लिए सम्मानित भी किया गया। गांववालों ने कहा कि यह उदाहरण साबित करता है कि दान करने के लिए अमीरी नहीं, बल्कि नीयत और श्रद्धा होनी चाहिए।