Edited By Shubham Anand,Updated: 17 Dec, 2025 05:24 PM

भारत में CNG और घरेलू PNG की कीमतों में कमी का ऐलान किया गया है। PNGRB ने 1 जनवरी 2026 से नया यूनिफाइड टैरिफ स्ट्रक्चर लागू करने का निर्णय लिया है। नए टैरिफ से उपभोक्ताओं को प्रति यूनिट ₹2 से ₹3 की बचत होगी। यह योजना 40 CGD कंपनियों के तहत आने वाले...
नेशनल डेस्क : भारत के उपभोक्ताओं के लिए खुशखबरी है। पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस नियामक बोर्ड (PNGRB) ने कम्प्रेस्ड नेचुरल गैस (CNG) और घरेलू पाइप्ड नेचुरल गैस (PNG) के लिए नया टैरिफ रैशनलाइजेशन लागू करने की घोषणा की है। यह नया यूनिफाइड टैरिफ स्ट्रक्चर 1 जनवरी 2026 से प्रभावी होगा। PNGRB के मेंबर ए.के. तिवारी ने एक्सक्लूसिव इंटरव्यू में बताया कि नए टैरिफ के लागू होने से उपभोक्ताओं को राज्य और लागू टैक्स के अनुसार प्रति यूनिट ₹2 से ₹3 तक की बचत होगी।
नया यूनिफाइड टैरिफ स्ट्रक्चर
PNGRB ने टैरिफ सिस्टम को सरल बनाया है और जोन की संख्या तीन से घटाकर दो कर दी है। पहले की योजना के तहत 200 किलोमीटर तक ₹42, 300 से 1,200 किलोमीटर तक ₹80 और 1,200 किलोमीटर से अधिक दूरी के लिए ₹107 का टैरिफ लागू था। तिवारी ने बताया कि अब तीन की जगह दो जोन होंगे, जिसमें पहला जोन पूरे भारत के CNG और घरेलू PNG उपभोक्ताओं पर लागू होगा। इस जोन के लिए यूनिफाइड दर ₹54 तय की गई है, जो पहले ₹80 और ₹107 थी।
कौन-कौन से उपभोक्ता को मिलेगा लाभ
इस नए टैरिफ स्ट्रक्चर से भारत में काम कर रही 40 सिटी गैस डिस्ट्रीब्यूशन (CGD) कंपनियों के तहत आने वाले 312 भौगोलिक क्षेत्रों के उपभोक्ताओं को फायदा मिलेगा। तिवारी ने बताया कि CNG इस्तेमाल करने वाले ट्रांसपोर्ट सेक्टर और PNG इस्तेमाल करने वाले घरों को इससे सीधा लाभ मिलेगा। PNGRB ने निर्देश दिया है कि इस रैशनलाइज्ड टैरिफ का पूरा लाभ उपभोक्ताओं तक पहुंचाया जाए और इसकी नियमित निगरानी की जाएगी।
गैस इंफ्रास्ट्रक्चर का विस्तार
CNG और PNG इंफ्रास्ट्रक्चर के विस्तार पर बात करते हुए तिवारी ने बताया कि पूरे देश को कवर करने के लिए लाइसेंस जारी किए जा चुके हैं, जिनमें सरकारी कंपनियां (PSU), निजी कंपनियां और जॉइंट वेंचर शामिल हैं। PNGRB, CGD कंपनियों को राज्य सरकारों से समन्वय कराने में मदद कर रहा है, जिसके चलते कई राज्यों ने VAT कम किया है और अनुमतियों की प्रक्रिया को आसान बनाया है। तिवारी ने कहा कि बोर्ड केवल रेगुलेटर ही नहीं, बल्कि फैसिलिटेटर की भूमिका भी निभा रहा है। सरकार की इस पहल से CNG और घरेलू PNG को सस्ती और रैशनलाइज्ड दर पर उपलब्ध कराने के साथ-साथ देशभर में नेचुरल गैस के इस्तेमाल को बढ़ावा मिलने की उम्मीद है। CGD सेक्टर को नेचुरल गैस खपत बढ़ाने वाला मुख्य क्षेत्र माना जाता है।