Edited By Anu Malhotra,Updated: 10 Jul, 2025 12:01 PM

बिहार में चुनाव नजदीक आते ही वोटर लिस्ट की जांच को लेकर सियासी और प्रशासनिक हलचल तेज हो गई है। आधार कार्ड की भूमिका से लेकर मतदाता पहचान तक का सवाल उठा है। ऐसे में सबसे बड़ा मुद्दा बन गया है- आखिर कौन से दस्तावेज आपके भारतीय नागरिक होने का भरोसेमंद...
नेशनल डेस्क: बिहार में चुनाव नजदीक आते ही वोटर लिस्ट की जांच को लेकर सियासी और प्रशासनिक हलचल तेज हो गई है। आधार कार्ड की भूमिका से लेकर मतदाता पहचान तक का सवाल उठा है। ऐसे में सबसे बड़ा मुद्दा बन गया है- आखिर कौन से दस्तावेज आपके भारतीय नागरिक होने का भरोसेमंद सबूत होंगे? जानिए वोटर लिस्ट की स्क्रीनिंग में कौन-कौन से कागजात आपकी नागरिकता की पुष्टि करेंगे और इस जांच से जुड़े अन्य अहम पहलू।
क्यों जरूरी है वोटर लिस्ट की स्क्रीनिंग?
बिहार में करीब 8 करोड़ मतदाता हैं, जिनकी सूची में कई अनियमितताएं पाई जाती हैं। इनमें डुप्लीकेट नाम, मृतक व्यक्तियों के नाम, और अपात्र लोगों का नाम शामिल होना प्रमुख हैं, जो चुनाव की निष्पक्षता और विश्वसनीयता को प्रभावित करते हैं। इसलिए बिहार में मतदाता सूची का पुनरीक्षण चल रहा है, जिसका उद्देश्य इन खामियों को दूर करना है। रिपोर्ट्स के मुताबिक कुछ जिलों में आधार कार्ड धारकों की संख्या जनसंख्या से अधिक है, जिससे संदेह होता है कि अवैध अप्रवासी भी फर्जी तरीके से वोटर सूची में शामिल हो गए हैं। चुनाव आयोग संविधान के अनुच्छेद 326 के तहत इस स्पेशल स्क्रीनिंग को शुरू कर रहा है ताकि वोटर लिस्ट में केवल भारतीय नागरिक ही दर्ज हों।
स्क्रीनिंग में मान्य दस्तावेज कौन-कौन से हैं?
यह जानना बेहद जरूरी है कि स्क्रीनिंग के दौरान भारतीय नागरिकता साबित करने के लिए किन दस्तावेजों को स्वीकार किया जाएगा। सबसे पहले यह बात स्पष्ट होनी चाहिए कि आधार कार्ड एक प्राथमिक पहचान दस्तावेज नहीं है, बल्कि केवल पूरक है। इसलिए नागरिकता प्रमाणित करने के लिए अन्य दस्तावेज जरूरी होते हैं।
यदि स्क्रीनिंग में दस्तावेज मांगे जाएं, तो आप निम्नलिखित कागज प्रस्तुत कर सकते हैं:
-जन्म प्रमाण पत्र (जिसे म्युनिसिपल कॉर्पोरेशन या मान्यता प्राप्त अस्पताल जारी करता है)
-भारतीय पासपोर्ट
-चुनाव आयोग द्वारा जारी मतदाता पहचान पत्र
-राज्य सरकार या रजिस्ट्रार कार्यालय द्वारा जारी निवास प्रमाण पत्र
-बोर्ड या विश्वविद्यालय का शिक्षा प्रमाण पत्र
-सरकारी कर्मचारी या पेंशनभोगी की पहचान पत्र या पीपीओ
-1 जुलाई 1987 से पहले जारी सरकारी बैंक, डाकघर, LIC या अन्य प्रमाणपत्र/आईडी
-स्थायी निवास प्रमाण पत्र (राज्य सरकार द्वारा जारी)
-वन अधिकार प्रमाण पत्र
-जाति प्रमाण पत्र (एससी/एसटी/ओबीसी)
-राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर के दस्तावेज
-पारिवारिक रजिस्टर (स्थानीय प्राधिकरण द्वारा जारी)
-सरकारी मकान या जमीन आवंटन पत्र