Edited By Parveen Kumar,Updated: 26 Sep, 2025 11:25 PM

समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने शुक्रवार को कहा कि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने दिखाने के लिए तैयार सामान पर माल एवं सेवा कर (जीएसटी) घटा दिया है, लेकिन वो कच्चा माल जिससे वह सामान बनता है, उसपर जीएसटी बढ़ा दिया है। उन्होंने आरोप...
नेशनल डेस्क: समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने शुक्रवार को कहा कि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने दिखाने के लिए तैयार सामान पर माल एवं सेवा कर (जीएसटी) घटा दिया है, लेकिन वो कच्चा माल जिससे वह सामान बनता है, उसपर जीएसटी बढ़ा दिया है। उन्होंने आरोप लगाया कि भाजपा जनता को धोखा दे रही है और कारोबारियों को संकट में डाल रही है। उन्होंने आरोप लगाया कि भाजपा सुधार नहीं, ग्राहक-दुकानदार के संबंधों को बर्बाद कर रही है क्योंकि वह किसी की सगी नहीं है।
समाजवादी पार्टी द्वारा जारी एक बयान के मुताबिक, यादव ने कहा,''भाजपा सरकार की नीतियां पूरी तरह से फेल हैं। इस सरकार ने आठ साल पहले आधी रात को जीएसटी लगाकर जश्न मनाया था, तब से अब तक देश की जनता को लूटा। भारी भरकम कर लगाकर महंगाई बढ़ाई। जनता की जेब काटी।''
उन्होंने कहा कि भाजपा सरकार ने साइकिल से लेकर मोटर साइकिल तक, और खाने-पीने की हर चीज से लेकर किताब और पेन-पेसिंल तक को महंगा कर जनता से वसूली की है। उन्होंने सवाल किया कि जब ये तमाम वस्तुएं आठ साल बाद भी कम कीमत पर मिल सकती हैं तो भाजपा सरकार ने इन्हें आठ साल तक इतना महंगा करके क्यों रखा। उन्होंने कहा कि जिस तरह का जीएसटी लागू हुआ है उससे व्यापारियों को कुछ समझ में नहीं आ रहा है क्योंकि सरकार एक तरफ जीएसटी कम कर रही है, तो दूसरी तरफ इसे बढ़ा रही है।
सपा नेता ने कहा,''लोकसभा चुनाव में उत्तर प्रदेश में मिली करारी हार और महंगाई-बेरोजगारी के कारण जनता में बढ़ते आक्रोश को देखकर भाजपा बैकफुट पर आयी है, लेकिन यह सरकार अभी भी धोखा दे रही है। जनता भी समझ गयी है कि भाजपा हारेगी तभी उसे महंगाई, बेरोजगारी, अन्याय, भारी कर से राहत मिलेगी।'' उन्होंने कहा कि प्रदेश और देश की जनता अब भाजपा को बख्शने वाली नहीं है और उसका सफाया होना तय है। उन्होंने कहा कि भाजपा के दिन अब गिने-चुने है। यादव ने कहा भाजपा सरकार की विदेश नीति असफल रही है और लगातार बढ़ते शुल्क से व्यापार संकट में है। उन्होंने कहा कि भाजपा सरकार की विदेश नीति की असफलता के कारण उद्योग-कारोबार को नुकसान हो रहा है।